Ranchi : मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने वर्ष 2021 की नियोजन नीति को हाईकोर्ट से खारिज करने और इसको लेकर छात्रों में उबाल को देखते हुए बुधवार को विधानसभा में बयान दिया. कहा कि यह नियोजन नीति क्यों रद्द हुई, इसके पीछे कौन लोग थे, इस तरफ हम नहीं जाना चाहते हैं. यह राज्य की जनता और आदिवासी मूलवासी छात्र नौजवान जान चुके हैं. अब हम पीछे मुड़ कर नहीं देखना चाहते हैं. हम एक ऐसी नीति बनाएंगे जो हमारे युवा छात्र चाहते हैं. हम एक बिंदु पर बातचीत कर रहे हैं. सलाह मशविरा कर रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि बहुत जल्द एक ऐसी नीति लेकर आएंगे, जिससे राज्य की जनता का भी भला हो और हमारे छात्र नौजवान का भी.
हम अपने कमिटमेंट पर अडिग हैं और इसे हर हाल में पूरा करेंगे
अब ऐसी नीति बनाने पर विचार कर रहे हैं, जो विधिसम्मत हो, नीतिपूर्वक हो और इससे ऐसे हालात का सामना ना करना पड़े. हम हर हाल में आदिवासी मूलवासी और खासकर ग्रामीण क्षेत्र के छात्र-छात्राओं का भला हो, ऐसी नीति बनाएंगे. हम अपने कमिटमेंट पर अडिग हैं और इसे हर हाल में पूरा करेंगे. उन्होंने कहा कि हर राज्य में सरकार अपने प्रदेश के छात्र- छात्राओं के लिए अपने स्तर से नीति- नियम बनाती है. मगर हर मामला झारखंड में ही क्यों उलझ जाता है, यह बताने की जरूरत नहीं है. इसलिए हमारे राज्य के छात्र नौजवान निश्चिंत रहें. उनकी इच्छा और उनके अनुरूप ही आगे कोई नीति बनाई जाएगी.
विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे नौजवान
मालूम हो कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन भाजपा ने नियोजन नीति को लेकर विधानसभा के बाहर प्रदर्शन किया. सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विधानसभा के मुख्य द्वार पर भाजपा विधायकों ने सरकार पर युवाओं को ठगने का आरोप लगाया. इधर, नियोजन नीति रद्द होने के विरोध में हजारों छात्र विधानसभा का घेराव करने पहुंचे थे.