Ranchi: लगातार.इन ने गुरुवार को दिन के करीब 1.00 बजे एक खबर प्रकाशित किया. खबर का शीर्षक थाः “25 मार्च को सीएम ने किया दो सीओ को सस्पेंड, कार्मिक का आदेश निकला ही नहीं, कार्मिक व भू-राजस्व के मंत्री हैं हेमंत.” इस खबर के प्रकाशित होने के दो घंटे के भीतर झारखंड सरकार के कार्मिक एवं प्रशासनिक सुधार विभाग ने दो अलग-अलग आदेश जारी कर दोनों सीओ (अंचलाधिकारी) को निलंबित करने का आदेश जारी कर दिया. लेकिन सीओ सुनीता कुमारी को लेकर सवाल उठ रहे है. सुनीता कुमारी जब सस्पेंड हुईं तो सरिया में सीओ पद पर पदस्थापित थीं. 18 मार्च को उनका तबादला लातेहार जिले के हेरहंज अंचल कर दिया गया. तबादले के बाद 25 मार्च को मुख्यमंत्री ने सुनीता कुमारी को निलंबित किया.
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निलंबन के बावजूद अभिषेक श्रीवास्तव ने डीसी को सुनीता को ज्वाइन कराने को लिखा
निलंबन के आदेश के बाद सुनीता कुमारी हेरहंज अंचल पदभार ग्रहण करने पहुंची. लेकिन उन्हें मुख्यमंत्री के आदेश का हवाला देकर ज्वाइन नहीं करने दिया गया. इसके बाद भू राजस्व विभाग के संयुक्त सचिव अभिषेक श्रीवास्तव ने लातेहार डीसी को एक पत्र लिखा. पत्र में लिखा कि सुनीता कुमारी को हेरहंज सीओ का पदभार ग्रहण नहीं करने दिया जा रहा है. आगे उन्होंने डीसी को लिखा कि मुख्यमंत्री के प्रेस विज्ञप्ति के आधार पर झारखंड सरकार के स्तर से कोई विभागीय चिट्ठी निर्गत नहीं की गयी है. इससे स्पष्ट होता है कि सुनीता कुमारी निलंबित हैं. उन्होंने डीसी को लिखा कि सुनीता कुमारी को हेरहंज अंचल के सीओ के पदभार को ग्रहण करने दिया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो सुनीता कुमारी के प्रभार रहित अवधि के वेतन भुगतान की पूरी जिम्मेदारी आपकी (डीसी) की होगी.
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सुनीता कुमारी पर लगा है गंभीर आरोप
गिरिडीह जिला के सरिया के सीओ के पद पर रहते हुए सुनीता कुमारी पर गंभीर आरोप लगे हैं. आरोपों की गंभीरता खुद मुख्यमंत्री ने भी जारी अपने बयान में स्वीकारा है. उनपर सरिया मौजा के बड़की सरिया गैरमजरूआ खाता संख्या-200, प्लॉट संख्या-1839, रकबा 01.60 एकड़. प्लॉट संख्या-4017, रकबा 15.5 एकड़ और प्लॉट संख्या-4771, रकबा 2.6 एकड़ जमीन ऑनलाइन कर सरकारी भूमि का अवैध रूप से नामांतरण करने का आरोप है.