Ranchi: राज्य में सरकारी सेवाओं और पदों में एसटी– एससी अधिकारियों और कर्मियों के प्रमोशन मामले में सीएम हेमंत सोरेन ने बड़ा बयान दिया है. सीएम ने कहा है कि मामले में उनकी सरकार की विशेष नजर हैं. विधानसभा समिति की विशेष रिपोर्ट की सरकार समीक्षा कर रही है. अगले 15 दिनों सरकार इसपर विशेष तौर पर निर्णय लेगी, ताकि जल्द से जल्द लंबित प्रमोशन पर निर्णय लिया जा सके.
सीएम ने यह बातें उनसे मिलने आये सत्तारूढ दल के छह विधायकों से मुलाकात के दौरान कही. मुलाकात करने वालों में जेएमएम विधायक दीपक बिरूआ, निरल पूर्ति, सुखराम उरांव व बैद्यनाथ राम और कांग्रेस विधायक बंधु तिर्की और रामचंद्र सिंह शामिल थे.
छह विधायकों के दल ने सीएम को बताया कि एसटी-एससी अधिकारियों व कर्मियों के प्रमोशन पर अभी तक रोक लगी है. सीएम से शिकायत की गयी कि इसपर सरकार जल्द से जल्द निर्णय लें. इसपर सीएम ने इसे गंभीरता से लिया और विधायकों को यह आश्वासन दिया कि सरकार इसपर जल्द निर्णय लेगी.
इसे भी पढ़ें- चमकी बुखार की चपेट आ सकते हैं झारखंड के बच्चे, सूबे के 61% बच्चों को नहीं लगा है JE का टीका
बता दें कि दिसंबर माह में विधानसभा की विशेष कमेटी की रिपोर्ट के बाद कार्मिक विभाग ने राज्य सरकार की सभी सेवाओं और पदों में प्रोन्नति पर अगले आदेश तक के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी थी. रिपोर्ट में कहा था कि सरकारी विभागों में दिये जा रहे प्रमोशन में एसटी-एससी कर्मियों की अनदेखी हो रही है, उनके साथ अन्याय किया जा रहा है.
20 से अधिक विधायकों व एक सांसद हस्ताक्षर वाला ज्ञापन सौंपा गया
बंधु तिर्की ने बताया है कि सीएम को इस मामले में एक ज्ञापन भी सौंपा गया है. जिसमें राज्य के 20 से अधिक विधायकों व एक सांसद गीता कोड़ा का हस्ताक्षर है. मांडर विधायक ने सीएम को बताया कि राज्य में राज्यकर्मियों की प्रोन्नति स्थगित है और इसका दुष्प्रभाव सभी वर्गो के कर्मियों को झेलना पड रहा है. प्रत्येक माह हजारो राज्यकर्मी प्रोन्नति के साथ-साथ आर्थिक लाभ से भी वंचित हो रहे हैं. इसी बीच कतिपय विभागों में उपर के पदों पर चालू प्रभार का नाम देकर वरीयता सूची में अनुसूचित जनजाति/ अनुसुचित जाति से कनीय अभियंताओं को पदस्थापित किये जाने की गलत प्रक्रिया प्रारंभ की जा रही है, जो किसी न किसी रूप में किसी खास वर्ग को लाभ पहुंचाने का मामला बनता है.