AMIT VERMA
LOHARDAGA : कोविड-19 की वजह से झारखंड सहित पूरे देश में जहां शैक्षणिक संस्था लगभग 10 महीने से बंद है सभी स्कूल, कोचिंग सहित इन्स्टिट्यूट् को भी बंद रखा गया है. वहीं झारखंड के लोहरदगा जिले में कई कोचिंग ऐसी भी है जहां कोरोना का कोई डर नहीं है. कोचिंग के शिक्षक और संस्थापक को सरकार के निर्देशों का भी डर नहीं सता रहा है. जिला प्रशासन के निर्देशों की अनदेखी कर के कोचिंग चलाया जा रहा है.
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सोया हुआ है लोहरदगा जिला प्रशासन
कोचिंग में सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थियों को बुला कर पढ़ायी करायी जा रही है, जहां बच्चे बिना मास्क के पढ़ायी कर रहे है. शिक्षक समेत बच्चों के अभिभावक को भी कोरोना संक्रमण का भय नहीं रहा. सभी तो वो अपने बच्चों को कोचिंग में भेज रहे है. लोहरदगा जिला प्रशासन भी सोया हुआ है सभी तो जिले में कोचिंग का संचालन किया जा रहा है. संस्थानों को दिख रही मोटी कमायी सरकार बच्चों को ध्यान में रख कर अभी तक स्कूलों और कोचिंग को बंद रखी है, पर प्राइवेट संस्थानों को बच्चों के जान से क्या लेना देना है, उन्हे तो बस अपनी होनी वाली मोटी कमायी दिख रही है.चाहे इसकी वजह से बच्चों पर संक्रमण का खतरा ही क्यों नहीं आ जाये. परन्तु उनकी कमायी में कमी नहीं आनी चाहिये.
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सरकारी शिक्षकों के कोचिंग में नहीं जाता कोरोना?
जिला प्रशासन और शहरी क्षेत्र के नगर परिषद के पदाधिकारियों की लापरवाही की वजह से ही तो कुछ कोचिंग संस्थान बच्चों को बुला रहे है, क्यों कि उन्हे इस बात का बता है कि जिला प्रशासन उनपर कोई ठोस कदम नहीं उठायेगी. लोहरदगा में कई संस्थान है जो बच्चों को बुला कर कोरोना का खतरा बढ़ा रही है . जब हमारे रिपोर्टर ने संस्था चलाने वाले लोगों से बात कि तो उन्होने कहा कि सरकारी शिक्षक का ही कोचिंग संस्थान हैं, तो उन्हे किस बात का डर है, उनके बातों से ऐसा लग रहा कि सरकार सरकारी शिक्षकों के कोचिंग संस्थानों ले लिए अलग से कोई नियम बना रही है.
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