Ranchi: जेएमएम ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की है कि पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के संपूर्ण कार्यकाल की जांच एक सक्षम आयोग से कराई जाए. जेएमएम के महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि 2014 से 2019 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे रघुवर दास के कैबिनेट में रहे उनके सहयोगी सरयू राय ने रघुवर सरकार पर 5 वर्षों में करीब 50 गंभीर आर्थिक घोटाले एवं भ्रष्टाचार का गंभीर आरोप लगाया है जो अत्यंत चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि सरयू राय ने मुख्यमंत्री पर 35 लाख रूपये के टॉफी खरीद से लेकर 35 सौ करोड़ रूपये तक के घोटाले के गंभीर आरोप लगाये हैं.
टॉफी से कंबल तक का घोटाला रघुवर राज में
सुप्रियो ने कहा कि रघुवर काल में मैनहर्ट से घोटालों की शुरुआत हुई. इसके बाद उनके मुख्यमंत्री रहते लौह अयस्क सहित कई खनिजों के घोटाले, कंबल घोटाला, मोमेंटम झारखंड घोटाला, रोजगार घोटाला, नकली नक्सली सरेंडर पॉलिसी घोटाला, सिंचाई योजना घोटाला, पीटीपीएस घोटाला, नियुक्ति घोटाला, अडानी पावर घोटाला, फ्लाईओवर घोटाला, लैंडबैंक घोटाला, भूमि घोटाला, विदेश भ्रमण घोटाला, टी-शर्ट घोटाला, आईपीआरडी जैसे घोटाले हुए हैं.
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निवेश के बाद परियोजनाओं को बदलकर बर्बाद कर दी राशि
रघुवर दास के मुख्यमंत्री रहते शहरी विकास, कौशल विकास के नाम पर कई परियोजनएं शुरू की गई. अरबों रुपये निवेश के बाद उन परियोजनाओं का स्वरूप ही बदल दिया गया. अरबन हाट का निर्माण, स्कील डेवलपमेंट सेंटर का निर्माण, भगवान बिरसा मुंडा कारा उद्यान सौन्दर्यीकरण, विधान सभा के नये भवन का निर्माण, उच्च न्यायालय के भवन निर्माण जैसे कई परियोजनाओं में भारी अनियमितता एवं भ्रष्टाचार की गई, जिसमें राज्य को सैकड़ों करोड़ रूपये के राजस्व की हानि हुई. साथ ही स्वास्थ, शिक्षा, कृषि, जनवितरण प्रणाली के क्षेत्रों में आधारभूत संरचनाओं के अपेक्षित विकास पर रूकावट आई, जिसके कारण 2020 में जब वैश्विक महामारी कोरोना की आहट हुई तो संपूर्ण स्वास्थ सेवा भरभरा कर ढह गया.