Bokaro: देश की वेदांता ग्रुप की प्रमुख कंपनी ESL स्टील लिमिटेड उद्योग के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रही है. उत्पादन से लेकर गुणवत्ता मामले में मानकों को बरकरार रखा है. कंपनी उत्पादन प्रक्रिया में आधुनिक तकनीक का उपयोग कर रही है.
हॉट मेटल के उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन किया
ESL कर्मचारियों के स्वास्थ्य, सुरक्षा और पर्यावरण गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए कॉर्पोरेट सामाजिक प्रक्रियाओं में भी सक्रिय है. पिछले सालों के वित्तीय वर्ष 2018-19 में ईएसएल का स्टील उत्पादन क्षमता बढ़कर 1.2 मिलियन टन तक पहुंच गया. वित्तीय वर्ष 2018-19 में फिनिशिंग मिल के उत्पादन में 95.9 फीसदी सुधार हुआ. हॉट मेटल के उत्पादन में बेहतर प्रदर्शन किया. 4 जून 2018 को ईएसएल के अधिग्रहण के बाद वेदांता का EBITDA रु 791 करोड़ तक पहुंच गया. महामारी के दौरान भी ईएसएल का सालाना स्टील उत्पादन 1.23 मिलियन टन रहा. इस दृष्टि से कंपनी ने 4 फीसदी सालाना बढ़ोतरी दर्ज की. कंपनी ने प्रति टन 127 डॉलर के मार्जिन के साथ EBITDA मार्जिन में 28 फीसदी उछाल दर्ज किया. कंपनी की उत्पादन लागत जो 457 डॉलर प्रति टन थी, वह 9 फीसदी कम होकर 418 डॉलर प्रति टन पर आ गई.
90 के दशक से वेदांता के साथ हूं
ESL स्टील लिमिटेड सीईओ NL Vhatte ने कहा मैं 90 के दशक से वेदांता के साथ जुड़ा हुआ हूं. मैं ब्रांड के नैतिक मूल्यों को समझता हूं. यही कारण है कि मुझे 2021 की शुरुआत में ईएसएल के सीईओ का कार्यभार दिया गया. मैं जानता था कि इसे नई उंचाईयों तक कैसे लेकर जाना है. यह देखकर अच्छा लगता है कि कैसे स्टील कॉर्पोरेट निरंतर प्रगति कर रहा है. मैं ईएसएल के सभी लीडरशिप की सराहना करना चाहता हूं, जो हमारे लिए प्रेरणास्रोत रहे हैं और कर्मचारियों के साथ निरंतर संपर्क में रहे हैं. इसी वजह से कंपनी ने निरंतर विकास किया और कर्मचारियों को बेहतर परफॉर्मेंस के लिए प्रेरित किया. एक लीडर होने के नाते मैं भी कंपनी की सफलता के लिए प्रतिबद्ध हूं.
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सीएसआर में भी आगे है कंपनी
कंपनी सीएसआर में भी आगे है. समाज कल्याण के लिए विख्यात कॉर्पोरेट के रूप में ESL ने शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, महिला सशक्तीकरण जैसे विभिन्न क्षेत्रों में निरंतर अपना योगदान दिया है. कंपनी पहले से एक लाख से अधिक लोगों के जीवन को प्रभावित कर चुकी है. इसका फायदा लोगों को मिल रहा है. कंपनी पर्यावरण के क्षेत्र में भी काम कर रही है. कंपनी 300 एकड़ से अधिक जमीन में एक लाख से अधिक पौधे लगाकर ग्रीनबेल्ट के विकास में भी योगदान दे चुकी है.
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