- ग्रीन कार्डधारी उपभोक्ताओं को 6-7 माह बाद मिला दो माह का राशन
- कई माह का राशन नहीं मिलने से उपभोक्ता परेशान
Ranchi : राज्य में ग्रीन कार्डधारियों को समय पर राशन नहीं मिलने से उनकी परेशानी बढ़ गई है. इधर पिछले छह-सात माह के बाद दो माह का राशन उन्हें मिला है. पर उस राशन में भी कटौती कर दी गई है. जिससे उनमें नाराजगी है. मालूम हो कि केंद्र सरकार ने चावल देने से मना कर दिया, तो नवंबर 2022 से ही इन कार्डधारियों को चावल नहीं मिल रहा था. फरवरी में राज्य सरकार की पहल पर टेंडर निकालकर चावल दिया जाने लगा है. सभी जिलों में चावल वितरण का आदेश भी जारी कर दिया गया है. लेकिन बहुत से ऐसे उपभोक्ता हैं जिन्हें कई माह का राशन नहीं मिला है. जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई है. वे कहते हैं कि बहुत दिन बाद दो माह का राशन मिला है. इससे घर परिवार का पेट कैसे पाल पाएंगे. हर माह राशन मिलता तो सहूलियत होती. राशन वितरण को लेकर अनियमितताएं की शिकायतें भी सामने आ रही हैं. इस समय राज्य में 24,802 ग्रीन राशन कार्डधारी हैं, जिससे कुल 4,66, 591 लोग जुड़े हैं. डीलर को हर कार्डधारी को प्रति यूनिट पांच-पांच किलो चावल देना है. शुभम संदेश की टीम ने राज्य के विभिन्न जिलों के ग्रीन राशन कार्ड धारियों से बात की है. पेश है रिपोर्ट.
आदित्यपुर
ग्रीन कार्ड मिलने का कोई फायदा नहीं : मीणा देवी
आदित्यपुर निवासी मीणा देवी कहती हैं कि उनके घर में तीन सदस्य हैं. कोरोना काल में अनाज देने के लिए ग्रीन कार्ड बना, लेकिन अब तक अगस्त 2022 में 5 किलोग्राम अनाज के बाद मई में दोबारा 5 किलोग्राम चावल का पैकेट मिला है. इस कार्ड से कोई फायदा नहीं है. हमलोग सरकार से मांग करते हैं कि या तो इसे गुलाबी कार्ड में बदल दें या कार्ड को रद्द कर दें.
नवंबर से ही चावल नहीं मिल रहा है : अंजूषा कुमारी
आदित्यपुर निवासी अंजूषा कुमारी कहती हैं कि हमलोगों को यह बोलकर कार्ड मिला था कि हर माह हर कार्डधारी को प्रति यूनिट 5-5 किलो चावल मिलेगा. लेकिन अब मालूम हुआ कि केंद्र ने चावल देने से मना कर दिया है. ऐसे में हमलोगों को नवंबर से ही चावल नहीं मिल रहा है. मई में 5 किलो के चावल का पैकेट मिला है. हमारे परिवार में 3 सदस्य हैं. यह कार्ड बेकार है. इससे कुछ नहीं मिलता है.
अब तक दो बार मिला है राशन : फूल कुमारी झा
आदित्यपुर निवासी फूलकुमारी झा कहती हैं कि हमलोगों को कोरोना काल में ग्रीन कार्ड बनाकर दिया गया था कि इससे केंद्र सरकार की ओर से राशन मिलेगा. लेकिन अब तक दो बार राशन मिला है. इसके बाद से डीलर बोलता है कि ग्रीन कार्डधारकों का अनाज नहीं आ रहा है. अब हमलोग क्या करें. यह ग्रीन कार्ड किसी काम का नहीं है.
ग्रीन कार्ड बनाकर सरकार ने झुनझुना थमा दिया : पुष्पा
आदित्यपुर निवासी पुष्पा ठाकुर कहती हैं कि ग्रीन कार्ड बनाकर सरकार ने झुनझुना थमा दिया है. इस कार्ड से कोई अनाज नहीं मिलता है. बाकी कार्डधारकों को हर माह राशन मिलता है. ये सरकार की कैसी दोरंगी नीति है. हमलोगों को सरकार ने बेवकूफ बनाया है. सरकार या तो अनाज दे या इस कार्ड को रद्द कर दे. अब तक केवल 2 बार डीलर से प्रति कार्ड 5 किलोग्राम चावल मिला है.
लातेहार
अक्टूबर से ही चावल नहीं दिया गया है : सुगनी देवी
नेतरहाट थाना क्षेत्र के दौना ग्राम की सुगनी देवी ने बताया कि पिछले वर्ष अक्टूबर से ही चावल नहीं मिल रहा था. पिछले दो महीने उन्हे चावल मिला. उसके बाद फिर चावल मिलना बंद हो गया. राशन का चावल नहीं मिलने से काफी परेशानी होती है. घर चलाना मुश्किल हो जाता है. राशन में चावल मिल जाता है तो बहुत सहूलियत होती है.
पिछले अप्रैल व मई माह में राशन मिला है : सबीना बीबी
नेतरहाट की दौना-दुरूप ग्राम निवासी सबीना बीबी ने कहा कि नवबंर औरन दिसंबर माह का राशन पिछले अप्रैल व मई माह मिला है. जनवरी माह का राशन नहीं मिला है. लेकिन पता चला कि जनवरी माह का राशन इस महीने में मिलने वाला है. राशन उठाव कराने जायेंगे. अक्टूबर से ही राशन मिल रहा था. बाद में राशन मिलना चालू हुआ. लेकिन तीन-चार महीना राशन नहीं मिलने से बहुत परेशानी हुई.
चक्रधरपुर
दो दिन पहले बीस किलो मिला चावल : राजकुमार
चक्रधरपुर के बाघमारा गांव निवासी राजकुमार महतो ने कहा कि दो दिन पहले राशन डीलर द्वारा एक महीने का 20 किलो चावल दिया गया है. पिछले बाकी अन्य महीनों का राशन नहीं मिला है. इस बारे में डीलर से पूछे जाने पर बताया कि जल्द ही अन्य महीनों का बकाया चावल भी दिया जाएगा. पिछले लगभग सात महीने से सरकारी राशन डीलर से चावल नहीं मिल रहा था. इस कारण बाजार से खरीदकर चावल खाना पड़ता था.
दो महीने का 30 किलो चावल फिलहाल मिला है : अंजू देवी
चक्रधरपुर के वार्ड संख्या 9 निवासी ग्रीन कार्डधारी अंजू देवी का कहना है कि राशन डीलर द्वारा दो महीने का चावल दिया गया है. डीलर द्वारा बताया गया है कि इस महीने पुन: चावल दिया जाएगा. मुझे कुल 30 किलो चावल दिये गये हैं. ग्रीन कार्ड को अब तक बदला नहीं गया है. ग्रीन कार्ड के आधार पर प्रति यूनिट के हिसाब से चावल दिया जा रहा है.
डीलर द्वारा समय पर नहीं दिया जाता है राशन : मोरा
ईचाकुटी गांव निवासी ग्रीन कार्डधारी मोरा पूर्ति ने कहा कि डीलर द्वारा समय पर राशन नहीं दिया जाता है. अब तक उन्हें राशन नहीं मिल पाया है. उन्होंने कहा कि डीलर द्वारा गांव में घोषणा कर राशन के लिए बुलाया जाता है. कुछ दिनों पूर्व बताया गया था कि ग्रीन कार्डधारियों को चावल मिलेगा, लेकिन मुझे अब तक चावल नहीं मिला है. चावल नहीं मिलने के कारण बाजार से खरीदकर चावल लाना पड़ता है.
अभी तो एक महीने का ही मिला है चावल : कुंती मछुवा
चक्रधरपुर के कुंभा टोली निवासी कुंती मछुवा ने कहा कि फिलहाल मुझे एक महीने का ही सरकारी राशन मिल पाया है. डीलर द्वारा बताया गया है कि चावल का उठाव नहीं होने के कारण अन्य महीनों का चावल नहीं आया है. जल्द ही बाकी अन्य महीनों का भी राशन मिलेगा. उन्होंने बताया कि नवंबर-दिसंबर महीने से ही चावल नहीं मिल रहा था. डीलर के पास राशन आने के बावजूद समय पर राशन नहीं दिया.
जामताड़ा
चावल नहीं मिलने से होती है बहुत परेशानी: तस्लीमा बीबी
नेतरहाट की ही दौना ग्राम निवासी तस्लीमा बीबी ने बताया कि पिछले दो महीने पहले राशन मिला था, उसके बाद राशन नहीं मिला है. लेकिन इस महीने राशन मिलने की बात कही गयी है. नियमित राशन का चावल नहीं मिलने से बहुत परेशानी होती है. बहुत मुश्किल से गुजर बसर करते है. घर के प्रति सदस्य के हिसाब से पांच किलो चावल मिल जाता है तो बहुत सहूलियत होती है. इस बार देर से मिलने के कारण बहुत परेशानी झेलनी पड़ी है. समय पर राशन मिले तो अच्छा है.
नवम्बर- दिसम्बर का राशन मिला है : रिंकू देवी
करमाटांड़ निवासी रिंकू देवी ने कहा कि नवंबर व दिसंबर महीने का खाद्यान्न मिल चुका है. जनवरी महीने के खाद्यान्न का उठाव नही कर पायी. ग्रीन राशनकार्डधारियों को समय पर खाद्यान्न भी नहीं मिल पाता है. इससे हमलोगों की परेशानी बढ़ जाती है.
समय पर राशन मिले इसकी व्यवस्था हो: भरत मंडल
करमाटांड़ के भरत मंडल ने कहा कि ग्रीन राशनकार्डधारियों को छह महीने से अधिक समय से खाद्यान्न नहीं मिल पा रहा था. ऐसी व्यवस्था कायम होनी चाहिए कि समय पर राशन कार्डधारियों को मिल सके. इससे सभी को बहुत सुविधा होगी. देर से राशन मिलने से घर चलाना मुश्किल हो जाता है.
धनबाद
नवंबर के बाद जून महीने में मिला चावल : विश्वनाथ दास
बरमसिया के विश्वनाथ दास कहते हैं कि ग्रीन कार्ड धारियों के राशन पर आफत पड़ी हुई है. पीडीएस दुकानदार पहले ही चावल रहने के बावजूद कटौती कर देते थे. इधर चावल की खेप में उठा पटक के कारण नवंबर के बाद जून महीने में चावल मिला है. वह भी मात्र एक महीने का. लगभग 6 महीने का चावल उन्हें नहीं मिला. उन्होंने बताया कि वह पेशे से चमड़े (जूता,चप्पल) का काम करते हैं.
कैसे होगी 8 लोगों की परवरिश : समीर मंडल
गोविंदपुर निवासी समीर मंडल ने कहा कि विगत 5 महीने से चावल नहीं मिलने के कारण उनके सामने समस्या खड़ी हो गई है. उन्हें मलाल है कि उनके पास लाल कार्ड क्यों नहीं है. उनका कहना है कि अगर लाल कार्ड होता तो आज यह दिन नहीं देखना पड़ता. कहते हैं कि एक छोटी सी लिट्टी की दुकान से 8 लोगों का पेट भरना बहुत मुश्किल हो रहा है.
दुकानदार कहता है राशन आएगा तो मिल जाएगा: रश्मि
बरवाअड्डा की रश्मि खातून का कहना है कि ग्रीन कार्ड का लाभ उन्हें अब तक नहीं मिला. लाल कार्ड बनवाने का प्रयत्न कर रही है. उनका कहना है कि सरकारी राशन इन दिनों गरीबों के मुंह तक नहीं पहुंच रहा है. वह बताती हैं कि महीने में पीडीएस दुकान जाने पर दुकानदार यह कह कर टाल जाता है कि ग्रीन कार्ड धारियों के लिए राशन नहीं आया है, आने पर उन्हें राशन दिया जाएगा.
पिछले 6 माह से बंद है कार्ड धारियों का राशन : मासूम
गोविंदपुर की मासूम बीवी का कहना है कि अब सरकार गरीबों के मुंह का निवाला भी छीनने में लगी है. सरकार ने पिछले 6 महीने से ग्रीन कार्ड धारियों का राशन बंद कर दिया है. बीबी बताती हैं कि उनके परिवार में कुल 12 लोग हैं. कमाने वाला मात्र एक उनका बेटा है, जो मजदूरी करता है. ऐसे में 12 लोगों का परिवार चलाना काफी मुश्किल है. सरकारी चावल मिलने से उन्हें सहूलियत होती थी.
गिरिडीह
ग्रीन कार्डधारियों की उपेक्षा हो रही है : प्रतिमा देवी
करमाटांड़ की रहने वाली प्रतिमा देवी ने कहा कि ग्रीन राशन कार्डधारियों की उपेक्षा हो रही है. समय पर खाद्यान्न भी नही मिल पाता है. पिछले छह महीने से काफी परेशानियों से जूझना पड़ा है. बाजार में चावल की कीमत काफी अधिक है, जिसे खरीदना गरीब परिवारों के वश में नहीं है.
नवंबर और दिसंबर के बाद नहीं मिला अनाज : दुलारचंद
बेंगाबाद प्रखंड बड़कीटांड़ गांव निवासी दुलारचंद महतो ने कहा कि पिछले 13 महीनों से अनाज बकाया है और केवल दो महीने का राशन मिला है. 2022 के नवंबर और दिसंबर महीने का ही अनाज मिला है. सरकार को ग्रीन कार्डधारी को राशन देने की दिशा में ध्यान देना चाहिए. इससे सभी को सहूलियत होगी.
उम्मीद थी कि हर माह राशन मिलेगा : विकास कुमार
गावां प्रखंड के डाबर गांव निवासी विकास कुमार ने बताया कि ग्रीन कार्ड बनने से लाभुकों में उम्मीद जगी थी कि हर माह राशन मिलेगा. लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पा रहा है. केवल नवंबर और दिसंबर का अनाज ही लाभुकों को मिल सका है. बाकी बचे महीनों का राशन भी जल्द मिल जाता तो बहुत मदद होती.
समय पर राशन नहीं मिलता है : कृष्णा सिंह
गांडेय प्रखंड के मोहनपुर गांव निवासी ग्रीन कार्डधारी कृष्णा सिंह ने कहा कि समय पर राशन नहीं मिलता है. पिछले वर्ष 2022 के दो महीने का राशन इस वर्ष मिला है. राज्य सरकार और जिला प्रशासन ग्रीन कार्डधारियों को समय पर राशन देने की व्यवस्था करनी चाहिए.
चंदवा
6-7 माह से राशन नहीं मिला था : नीरा देवी
देवी मंडप चदवा की नीरा देवी (पति नारायण साव) का कहना है कि कभी भी राशन समय पर नहीं मिलता है. पिछले छह-सात महीने से राशन नहीं मिला था. बीते 17 जून को दो माह का राशन मिला है और डीलर के द्वारा कहा गया है कि राशन आया हुआ है. ऊपर से लिखित आने पर राशन दिया जायगा. हमारे घर में चार लोग हैं जिनका राशन कार्ड में नाम चढ़ा हुआ है. चार यूनिट पर जहां 20 किलो राशन मिलना है. पर प्रत्येक माह पांच किलो राशन काट कर 15 किलो दिया जाता है. जिससे बड़ी मुश्किल से परिवार का भरण पोषण हो पाता है.
यह सब डीलरों की बदमाशी है : तिलक
हरा राशन कार्ड धारियों को सुलभ खाद्यान्न उपलब्ध करवाने के संबंध में एम ओ सह पंचायत सेवक तिलक बैठा कहते हैं कि नवंबर दिसंबर जनवरी का एन आई सी खुल रहा है. गोदाम से सभी राशन डीलरों को राशन का वितरण किया जा रहा है. अंगूठा लगवाकर राशन नहीं दिए जाने तथा कम दिए जाने के बाबत वह कहते हैं कि यह सब डीलरों की बदमासशी है. यहां से कोई दिक्कत नहीं है. हरा राशन कार्ड धारियों को राशन दिया जा रहा है. पर उपभोक्ताओं को कोई न कोई बहाना बनाकर टरका दिया जाता है. जिससे राशन नहीं मिल पाता है.
बेरमो
बीते 6 महीने में दो माह का ही राशन मिला : नीतू
बोकारो जिला अंतर्गत गोमिया प्रखंड के हजारी गांव की निवासी नीतू देवी ने कहा कि नवम्बर और दिसंबर 2022 का राशन 6 महीने बाद मई और जून में मिला है. पति ट्रक में काम करते हैं. घर में पांच लोग है. सरकारी अनाज के बिना महंगाई में चूल्हा जलाना मुश्किल हो गया है.
समय पर राशन नहीं, किसी तरह गुजारा : रागिनी देवी
रागिनी देवी ने कहा कि पति मजदूरी करते हैं. घर में दो छोटे छोटे बच्चे हैं. पति को हमेशा काम नहीं मिलता है. ग्रीन कार्ड का राशन मिलने से राहत मिलती थी, लेकिन 6 माह का राशन नहीं मिला है. किसी तरह गुज़ारा हो पा रहा है. सरकारी स्तर पर इस ओर ध्यान देने की जरुरत है.
चांडिल
जनवरी से चावल नहीं मिला है : मदन माझी
ईचागढ़ प्रखंड के देवलटांड निवासी मदन माझी का कहना है कि ग्रीन राशन कार्डधारियों को प्रति यूनिट मिलने वाला 5-5 किलो चावल अब मिलने लगा है. उन्होंने बताया कि अबतक नवंबर और दिसंबर का चावल मिला है, जो बंद हो गया था. राशन डीलर ने बताया कि अब आवंटन मिलते ही बाकी महीने का चावल भी लाभुकों के बीच वितरण कर दिया जाएगा. उन्होंने संभावना जताई कि अब नियमित रूप से राशन मिलने लगेगा. केंद्र सरकार के चावल देने से मना करने के बाद राज्य सरकार ने इसके लिए पहल की है. जनवरी से चावल नहीं मिला है.
राशन में गेंहू भी मिले तो अच्छा : भोलानाथ
चौका निवासी भोलानाथ गोराई ने बताया कि राशन डीलर से राशन लेने से संबंधित किसी प्रकार की सूचना नहीं मिली है. उन्होंने बताया कि उनको 2022 अक्टूबर तक ग्रीन कार्ड में राशन मिला है. इसके बाद राशन नहीं मिला है. भोलानाथ ने बताया कि ऐसी सूचना मिली थी कि चार माह का राशन आया है, लेकिन आपूर्ति पदाधिकारी बदलने और वितरण का अदेश दिए बगैर श्रावणी मेले में प्रतिनियुक्ति पर चले गए हैं. इस कारण राशन का वितरण नहीं हो पाया है. 2022 अक्टूबर के पहले तक नियमित रूप से राशन मिल रहा था. उन्होंने कहा कि ग्रीन राशन कार्ड पर गेंहू भी मिलना चाहिए.
जमशेदपुर
परिवार का भरण पोषण मुश्किल : बबलू महतो
जुगसलाई निवासी ग्रीन कार्डधारी बबलू महतो का कहना है कि उनके पास 4 यूनिट का ग्रीन कार्ड है. जब डीलर को आवंटन मिलता है तो डीलर द्वारा उन्हें राशन दिया जाता है. सरकार से मांग है कि ग्रीन कार्डधारियों को नियमित रुप से राशन उपलब्ध कराया जाए. चावल से साथ गेंहू एवं अन्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जाए. ग्रीन कार्डधारियों के साथ भेदभाव उचित नहीं है. अभी हाल ही में राशन मिला है. पर बकाया राशन भी मिल जाता तो बहुत राहत मिलती. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरुरत है सभी को समय पर राशन मिले.
नियमित राशन उपलब्ध हो : धनंजय प्रजापति
जुगसलाई निवासी ग्रीन कार्डधारी धनंजय प्रजाजति ने बताया कि उनका 2 यूनिट का ग्रीन कार्ड है. जिसके आधार डीलर द्वारा राशन उपलब्ध कराया गया है. कई महीनों से राशन नहीं मिल रह था. इधर पिछले कुछ माह से राशन मिल रहा है. सरकार से मांग है कि ग्रीन कार्डधारियों को भी नियमित रुप से राशन की व्यवस्था करे. डीलर का सहयोग मिलता है. जब डीलर को ही राशन का आवंटन नहीं होगा तो वितरण कैसे करेगा. सरकार डीलर्स को समय पर राशन उपलब्ध कराए. जिससे हमें समय पर राशन मिल सके. वितरण व्यवस्था को दुरुस्त करने की जरुरत है.
हजारीबाग
नवंबर से दो महीने का मिला है राशन : मनीष कुमार
हजारीबाग के कुम्हारटोली निवासी मनीष कुमार ने बताया कि नवंबर और दिसंबर दो माह तक का ही राशन मिला है. डीलर से पूछते हैं तो वह कहते हैं कि ग्रीन कार्ड का राशन नहीं आ रहा है और बताया गया कि कुछ माह पूर्व से ग्रीन कार्ड को पीएच कार्ड में बदल कर राशन दिया जा रहा है. उनका परिवार सरकारी राशन पर ही निर्भर है. मुश्किल से घर-परिवार चल रहा है.
फरवरी तक का ही मिला है सरकारी राशन : अफसाना
बरही की कोनरा निवासी अफसाना खातून ने बताया कि नवंबर से फरवरी तक का ही राशन मिला है. डीलर कहते हैं कि उनके बायोमीट्रिक्स में कुछ परेशानी है. उनका फिंगर प्रिंट काम नहीं कर रहा है. हालांकि राशन आया हुआ है. उन्हें उनका राशन मिल जाएगा. राशन नहीं मिलने से उनकी परेशानी बढ़ी हुई है. किसी तरह परिवार की गाड़ी खींच रहे हैं.
अभी तो दो महीने का ही चावल मिला है : सुषमा देवी
इचाक स्थित लोटवा की सुषमा देवी कहती हैं कि बहुत पहले ग्रीन कार्ड बना था, जिसमें नवंबर-दिसंबर दो बार चावल उठाए. उसके बाद से सरकारी राशन नहीं मिला है. डीलर ने बताया कि फिंगरप्रिंट काम नहीं कर रहा है. आधार से लिंक करवाना होगा, जिसको लेकर ब्लॉक का चक्कर काट रहे हैं. पता नहीं कब सुधार होगा और राशन मिलेगा.
ग्रीन कार्ड से अब तक राशन नहीं मिला है : अनिल कुमार
सिंदूर निवासी अनिल कुमार कहते हैं कि कार्ड बने हुए साल भर हो गया, पर एक बार भी अब तक ग्रीन कार्ड से राशन नहीं मिला है. डीलर से बात करने पर वह कहते हैं कि फिंगरप्रिंट नहीं ले रहा है. आधार से लिंक करवा लें, तभी राशन मिलेगा. राशन नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. जल्द राशन मिलने से उन्हें सुविधा होती.
सिर्फ अप्रैल माह का राशन मिला : सविता देवी
कटकमसांडी स्थित डांड़ की सविता ने बताया कि उन्हें सिर्फ अप्रैल का राशन मिला है. पिछले नवंबर से मार्च तक का राशन नहीं मिला है. डीलर से पूछने पर तकनीकी खराबी बताई जाती है. राशन नहीं मिलने से हम उपभोक्ता परेशान रहते हैं. सरकार तो गरीबों के लिए काम कर रही है, लेकिन निचले स्तर पर उपभोक्ताओं के लिए परेशानी खड़ी कर दी जाती है.
चाईबासा
अभी तो जनवरी माह का ही राशन मिला है : बिप्लव घोष
चाईबासा के ग्रीन कार्डधारी बिपलब घोष ने बताया कि पिछले कुछ माह से उसे ग्रीन कार्ड धारी का राशन नहीं मिल रहा था. अब उन्हें जनवरी माह का राशन मिला है. बताया जा रहा है कि जल्द फरवरी का राशन भी मिल जाएगा.
कभी-कभी राशन मिलने में देर होती है : मोहन मलिक
लाभार्थी मोहन मलिक ने बताया कि ग्रीन कार्ड धारियों को राशन मिल जाता है, लेकिन कभी-कभी देर होती है. वह भी लंबे समय के लिए. अभी जनवरी माह तक का राशन मिल गया है. फरवरी का बाकी है.
फरवरी का राशन अभी नहीं मिला है : जगबंधु अधिकारी
लाभार्थी जगबंधु अधिकारी ने बताया कि अभी उन्हें जनवरी माह का बैकलॉग राशन मिला है. फरवरी का राशन अभी नहीं मिला है. बताया जा रहा है कि उसमें पांच से 10 दिन और लग सकते हैं.
फरवरी का राशन भी जल्द ही मिलेगा : अमित राय
लाभार्थी अमित राय ने बताया कि उन्हें भी राशन मिला है. फरवरी से लेकर अब तक का राशन बकाया है. डीलर द्वारा बताया जा रहा है कि फरवरी का राशन आया है, पर मशीन में इंट्री नहीं है. इंट्री होने के बाद उसे जल्द ही वितरित किया जाएगा.
फरवरी का राशन नहीं मिला है : कानू दास
लाभार्थी कानू दास ने बताया कि फरवरी माह को छोड़कर उनका सारा बैकलॉग बकाया राशन मिल गया है. फरवरी माह के बाद से अभी तक का राशन नहीं मिल पाया है. सराकार को चाहिए कि ऐसी व्यवस्था करे कि हर माह समय पर राशन मिले. सरकार चावल के साथ गेहूं भी दे तो अच्छा होगा. प्रयास हो कि समय पर राशन मिले.
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