New Delhi : डबल म्यूटेंट-SARS-CoV-2 कोरोना का एक और वेरियंट. एक तरफ जहां भारत कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर रोकने के लिए संघर्ष कर रहा है, वहीं बुधवार को देश में वायरस के एक नये वेरियंट की खबर ने खतरे की घंटी बजा दी है. ‘डबल म्यूटेंट’ नामक यह वेरियंट कोरोना की दूसरी लहर से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में 200 से अधिक नमूनों में पाया गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि इस नये डबल म्यूटेंट SARS-CoV-2 को दिल्ली, महाराष्ट्र और कुछ अन्य स्थानों पर पाया गया. यह चिंता के तीन अन्य स्वरूपों (VOC) के अतिरिक्त है, जो पहली बार यूके, दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील में पाये गये थे. VOC को देश के 18 राज्यों से अधिक राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में पाया गया है.
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डबल म्यूटेंट कोई वैज्ञानिक शब्द नहीं
महामारी विज्ञानियों के अनुसार, “डबल म्यूटेंट” पूरी तरह से एक नया वेरियंट है, जिसमें दो पहले से पहचाने जा चुके दो वेरियंट की विशेषताएं हैं. दिल्ली स्थित सेंटर फॉर डिजीज डायनेमिक्स, इकोनॉमिक्स एंड पॉलिसी के संस्थापक रामनयन लक्ष्मीनारायण ने कहा, “डबल म्यूटेंट कोई वैज्ञानिक शब्द नहीं है. यह सिर्फ एक और उत्परिवर्ती है, जो भारत के लिए नया है.”
महाराष्ट्र में वायरस के इस नये संस्करण के नमूनों में 20 प्रतिशत नमूने नागपुर में मिले हैं. नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल के निदेशक सुजीत कुमार सिंह कहा कि दिल्ली में नौ ऐसे नमूने पाये गये हैं, जिनमें पिछले कुछ हफ्तों में संक्रमण में तेज वृद्धि देखी गयी है. भारत के कोरोना से बचाव के लिए दिये जा रहे टीके कोविशिल्ड और कोवैक्सीन ब्रिटेन और ब्राजील में पहले पहचाने गये वायरस के वेरिएंट के खिलाफ प्रभावी रहे हैं.
क्या है चिंता का कारण
लक्ष्मीनारायण ने कहा कि अभी तक इस नये संस्करण को लेकर चिंतित होने का कोई कारण नहीं था. उन्होंने कहा कि हमारे पास इस बात का कोई सबूत नहीं है कि ये वेरिएंट पहले के मुकाबले ज्यादा ट्रांसमिटेबल या घातक हैं. दूसरी ओर, एनसीडीसी के सिंह ने कहा कि नया संस्करण विकसित हो रहा है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि हालांकि VOCs के अलावा भारत में एक नया डबल म्यूटेंट वैरियेंट पाया गया है, लेकिन यह इसके बीच परस्पर अथवा प्रत्यक्ष संबंध स्थापित करने और कुछ राज्यों में मामलों में तेजी से वृद्धि को स्पष्ट करने के लिए पर्याप्त नहीं है.
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