Vinit Upadhyay
Ranchi: झारखंड वकीलों के लिए सुरक्षित नहीं है. यह हम नहीं कह रहे, बल्कि यह कहना है स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता और रांची जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय विद्रोही का. सोमवार को रांची के तमाड़ इलाके में एक अधिवक्ता की निर्मम हत्या के बाद राज्य भर के वकीलों में आक्रोश पनप रहा है. संजय विद्रोही कहते हैं कि झारखंड के वकीलों के साथ पिछले 4 वर्षों में कई आपराधिक घटनाएं हुईं, हम ये नहीं कहते कि पुलिस ने उन मामलों में कार्रवाई नहीं की. लेकिन वकीलों के खिलाफ हिंसक घटनाओं में लगातार हो रही वृद्धि के बावजूद एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लागू करने की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं किया जाना, वकीलों को काफी निराश कर रहा है.
बीते कुछ वर्षों में झारखंड के अधिवक्ता पुलिस,अपराधी और आम लोगों की हिंसा का शिकार हुए हैं.
इसे भी पढ़ें – खुशखबरी : बच्चों के परीक्षण में खरी उतरी जायकॉव-डी, इमरजेंसी इस्तेमाल की मांगी मंजूरी, लगेंगे तीन डोज
जानते हैं कि वकीलों को कब-कब बनाया गया निशाना
1. गढ़वा में तत्कालीन एसपी मो. अर्शी के बॉडीगार्ड के द्वारा अधिवक्ता आशीष दुबे के साथ मारपीट
2. धनबाद में एक अधिवक्ता की गेट काटकर पुलिस द्वारा गिरफ्तारी
3. रांची में अधिवक्ता रामप्रवेश सिंह के घर में घुसकर अपराधियों द्वारा हत्या
4. जमशेदपुर में अधिवक्ता प्रकाश यादव की हत्या
5. रांची की एक महिला अधिवक्ता के साथ पुलिस द्वारा बदसलूकी
6. रांची के वकील मनोज झा की तमाड़ में हत्या
इसे भी पढ़ें – 1 अगस्त से बदल जायेंगे बैंकों से पैसे निकालने सहित कई नियम, आपकी जेब पर पड़ेगा सीधा असर