संग-संग शुरू होगा सनातन का चैत्र नवरात्र और इस्लाम धर्मावलंबियों का रमजान
दोनों धर्मों के लोगों में त्योहारों को लेकर उत्साह, उल्लास और उमंग
Amarnath Pathak
Hazaribagh : अभी संग-संग गुजरी होली और शब-ए-बारात में भाइचारगी का पैगाम गुजरे कुछ ही दिन हुए कि कुदरत ने फिर सौहार्द्र की अनोखी महफिल सजाई है. कौमी एकता के इस संगम में हर कोई डुबकियां लगाने को बेताब हैं. हिन्दू हों या मुसलमान त्योहारों को लेकर हर किसी में उत्साह, उल्लास और उमंग छाया हुआ है. दरअसल इस वर्ष चैत्र नवरात्र संग रामनवमी और रमजान साथ-साथ आए हैं. 22 मार्च को चैत्र नवरात्र और 23 मार्च से रमजान शुरू हो रहा है. पाक रमजान माह के दौरान ही रामनवमी गुजरेगी. मंदिरों और रामनवमी पूजा समितियों के अखाड़ों में जहां मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम और वीर हनुमान का जयकारा लगेगा, वहीं मस्जिदों में पाक कुरान के बोल सुनाई देंगे.
इसे भी पढ़ें :9 जिलों में राष्ट्रीय मलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के लिए 2 करोड़ 37 लाख रुपए का आवंटन
कौंमी एकता का पैगाम
बरही सद्भावना मंच के अध्यक्ष राजसिंह चौहान कहते हैं कि यही तो हमारा हिन्दुस्तान है. यहां विविध संस्कृति, भाषा और धर्म की झलक दिखाई देती है. सांप्रदायिक सौहार्द्र, भाइचारगी और कौमी एकता का पैगाम बिखरता है. यहां गुलाम गिलानी रामनवमी में महावीरी झंडे तैयार करते हैं और अंतु साव मुहर्रम में तजिया उठाते हैं. हजारीबाग में सौहार्द्र का ऐसा संदेश हर साल बंटता है. वहीं राजद के जिलाध्यक्ष, समाजसेवी और शांति समिति के सदस्य संजर मलिक कहते हैं कि ईश्वर ने ऐसा संयोग मिलाया है, तो इंसानों को सीख लेने की जरूरत है. कुदरत का यह संयोग मुश्किल से नसीब होता है. उन्होंने कहा कि आइए सब मिलकर कुदरत की सजाई सौहार्द्र की इस अनोखी महफिल में हर व्यक्ति कुछ-न-कुछ सकारात्मक पैगाम बांटे और दुनिया को हम भारतवासी अमन-व-चैन अर्थात शांति का संदेश ऐसे ही बांटते रहें.
इसे भी पढ़ें :जमशेदपुर : लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में दूसरी बार निश्चय फाउंडेशन का नाम दर्ज