NewDelhi : संसद की लोक लेखा समिति (पीएसी) की बैठक बुधवार को हुई. खबर है कि समिति के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी और सत्तारूढ़ एनडीए के सांसदों के बीच कोविड रोधी टीकाकरण के मुद्दे पर तीखी बहस हो गयी. सूत्रों ने यह जानकारी दी, बता दें कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बाद हुई पीएसी बैठक में मौजूदा साल के लिए चर्चा किये जाने वाले विषयों को अंतिम रूप दिया जाना था.
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चौधरी कोरोना महामारी के लेकर केंद्र सरकार के प्रबंधन की आलोचना लगे
सूत्रों के अनुसार बैठक के दौरान श्री चौधरी कोरोना महामारी की स्थिति से जुड़े केंद्र सरकार के प्रबंधन की आलोचना करते हुए एक बयान पढ़ने लगे, जिसका भाजपा सांसद जगदंबिका पाल और जदयू के राजीव रंजन सिंह समेत सत्तापक्ष के कई सांसदों ने विरोध किया. कहा कि यह टिप्पणी नियमों के अनुरूप नहीं है.
जानकारी के अनुसार बैठक में अपने वक्तव्य के क्रम में चौधरी ने सुझाव दिया कि टीकाकरण अभियान का मुद्दा समिति की चर्चा में शामिल किया जाये. उनके इस सुझाव का एनडीए के सांसदों ने विरोध किया. सूत्रों के अनुसार, चौधरी के वक्तव्य के दौरान जब एनडीए सांसद टोका-टाकी करने लगे तो लोकसभा में कांग्रेस के नेता ने कहा कि अगर वह कुछ अनुचित कह रहे हैं तो पीएसी के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे देंगे.
एनडीए सांसदों ने विरोध को सही ठहराया
एनडीए सांसदों ने अपने विरोध को सही ठहराते हुए कहा कि पीएसी का व्यापक मकसद केंद्र सरकार के राजस्व और खर्च का ऑडिट करना है. इसका बुनियादी काम संसद में पेश होने वाली कैग रिपोर्ट की छानबीन करना है. इस बारे में पूछे जाने पर बीजद सांसद भृर्तुहरि महताब ने बैठक के ब्यौरे का खुलासा करने से इनकार किया, हालांकि यह जरूर कहा कि नियमों के अनुसार पीएसी में चर्चा के लिए विषयों का फैसला सर्वसम्मति से होना चाहिए.