Ranchi: कृषि कानून के खिलाफ किसान संगठनों के देशव्यापी चक्का जाम प्रदर्शन में झारखंड में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और नेताओं ने भी बढ़कर हिस्सा लिया. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सह राज्य सरकार में मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव ने कहा कि केंद्र सरकार की हठधर्मिता के खिलाफ देशभर के किसान आंदोलित हैं. इसके बावजूद किन कारणों से केंद्र सरकार इस काले कानून को थोपना चाहती है, समझ से परे है.
कानून वापस लेने से सरकार की हार नहीं होगी
उरांव ने कहा कि देश के 70 वर्षों के इतिहास में कई कानून बने हैं और कई वापस हुए हैं. किसानों के लिए बने इस कानून को किसान ही वापस लेने की मांग कर रहे हैं. फिर ऐसे कानून से किस का लाभ होगा, यह बताया जाना चाहिए. प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि यदि इस कानून को वापस ले लिया जाता है, तो इससे सरकार की हार नहीं होगी. देश की जनता इस निर्णय का स्वागत करेगी.
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कृषि मंत्री के नेतृत्व में बूटी मोड़ जाम किया
इधर, पार्टी के वरिष्ठ नेताओं और कार्यकर्ताओं ने राजधानी रांची से सटे विभिन्न हिस्सों में राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर किसानों के हितों की रक्षा को लेकर संघर्ष जारी रखने का ऐलान किया. कृषि मंत्री बादल पत्रलेख ने रांची के बूटी मोड़ चौक के निकट सड़क जाम में हिस्सा लिया. इस मौके पर बादल ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार इस कानून को वापस नहीं लेती, आंदोलन चलता रहेगा. उन्होंने कहा कि वे खुद भी दिल्ली के सिंधु बॉर्डर और गाजीपुर बॉर्डर जा चुके हैं और किसानों को समर्थन दिया है.
किसानों के समर्थन में 20 को ट्रैक्टर रैली
प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने बताया कि किसानों के समर्थन में प्रदेश अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव के नेतृत्व में आगामी 10 फरवरी को राज्य के सभी प्रखंडों में अधिवेशन की तैयारी को अंतिम रूप दिया जा रहा है. 13 फरवरी को सभी जिला मुख्यालयों में किसानों के समर्थन में दस से बीस किलोमीटर की पदयात्रा निकाली जायेगी. 20 फरवरी को हजारीबाग में राज्यव्यापी किसान सम्मेलन सह ट्रैक्टर रैली का आयोजन होगा.
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