NewDelhi : बाबा रामदेव का एक वीडियो ट्विटर पर वायरल हो रहा है. इस वीडियो में वह ऐलोपैथी को निशाना बनाते नजर रहे हैं. बता दें कि उनके बयान पर विवाद शुरू हो गया है. डॉक्टरों के संगठन IMA ने प्रेस बयान जारी कर बाबा रामदेव से माफी मांगने को कहा है. IMA ने कहा है कि या तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हषवर्धन रामदेव के आरोपों को मानें और मॉडर्न मेडिकल सुविधाओं को बंद कर दें या फिर उनके खिलाफ महामारी ऐक्ट में कार्रवाई की जाये.
एंटीबायोटिक फेल हो गये,स्टेरॉयड फेल हो गये
बता दें कि वीडियो में बाबा रामदेव कहते हुए दिखते हैं कि जितने लोगों की मौत हॉस्पिटल ना जाने के कारण से हुई है, ऑक्सीजन ना मिलने के कारण से हुई है. उससे ज्यादा लोगों की मौत ऑक्सीजन के बावजूद हुई है, ऐलोपैथी की दवा मिलने के बावजूद हुई है. स्टेरॉयड के कारण हुई है. लोग समझ नहीं रहे कि करें क्या. इसलिए अभी लाखों लोगों की मौत का कारण ऐलोपैथी है. गजब का तमाशा है, ऐलोपैथी एक ऐसी स्टुपिड और दिवालिया साइंस है कि पहले क्लोरोक्वीन फेल हुई,
फिर रेमडेसिविर फेल हो गयी, फिर एंटीबायोटिक फेल हो गये, फिर स्टेरॉयड फेल हो गये. फिर प्लाज्मा थेरेपी के ऊपर भी कल बैन लग गया .बुखार के लिए जो दे रहे हैं फैबिफ्लू, वह भी फेल है. जितनी भी दवाएं दे रहे हैं. ये तमाशा हो क्या रहा है.
इसे भी पढ़ें : वैक्सीन की उपलब्धता और WHO की गाइडलाइंस देखे बिना सरकार ने सबके लिए वैक्सीनेशन की इजाजत दी : सीरम इंस्टिट्यूट
बुखार की कोई दवाई कोरोना पर काम नहीं कर रही
बुखार की कोई दवाई कोरोना पर काम नहीं कर रही, क्योंकि आप बॉडी का टेंपरेचर उतार देते हैं लेकिन टेंपरेचर जिस कारण से आ रहा है उस वायरस को, उस बैक्टीरिया को, उस फंगस को, जिस कारण से भी बुखार हो रहा है, उसका निवारण तुम्हारे पास में है नहीं. तो कैसे ठीक करोगे. इसलिए मैं बहुत बड़ी बात कह रहा हूं. हो सकता है कि इस पर कुछ लोग विवाद करें. लाखों लोगों की मौत ऐलोपैथी की दवा खाने से हुई है
हालांकि रामदेव ने कहा कि मैं कहता हूं कि ऐलोपैथी पूरी खराब नहीं है. मॉडर्न साइंस का हम स्वागत करते हैं. उससे हमारा विरोध नहीं है लेकिन उसमें इस्तेमाल किए जाने वाले अलग अलग जो मेडिसन्स हैं, जो थ्योरीज हैं, फाइंडिंग्स हैं, झूठी रिसर्च हैं, उनका विरोध है.
इसे भी पढ़ें : केंद्र सरकार ने आपत्ति जतायी, ट्विटर से मैनिपुलेटेड मीडिया टैग हटाने को कहा, बोले पात्रा, ट्विटर इन्वेस्टिगेटिव एजेंसी है क्या?
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने प्रेस विज्ञप्ति जारी की
22 मई को इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने इस मामले पर एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की है. IMA ने अपने बयान में कहा कि अभी तक 1200 से अधिक डॉक्टर कोरोना के कारण अपनी जान गंवा चुके हैं. बाकी सभी, संसाधनों और मैनपावर में कमी के बाद भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं. IMA ने कहा कि ICMR, AIIMS, DCGG और हेल्थ मिनिस्ट्री की साख पर सवाल उठाना क्या एंटीनेशनल नहीं है? सुप्रीम कोर्ट भी रेमडेसिविर की उपलब्धता को सुनिश्चित करने को कह चुका है,
हेल्थ मिनिस्टर इस मामले में सुओ-मोटो एक्शन लें
ऐसे में क्या इस बयान को कोर्ट का अनादर नहीं माना जायेगा? कहा कि रामदेव, हालात का फायदा उठाकर, डर फैलाकर अपनी अवैध और अनअप्रूव दवाएं बेचना चाहते हैं और पैसा बनाना चाहते हैं. अगर हेल्थ मिनिस्टर इस मामले में सुओ-मोटो एक्शन नहीं लेते हैं तब हम कोर्ट जाने के लिए मजबूर होंगे. IMA से पहले सफदरजंग अस्पताल दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने भी 21 मई को एक प्रेस-नोट जारी किया था जिसमें बाबा रामदेव से बिना शर्त माफी मांगने को कहा गया है.