NewDelhi : सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कहा है कि सरकार ने बिना वैक्सीन की उपलब्धता और WHO गाइडलाइंस पर विचार किये कई आयु वर्ग के लिए वैक्सीनेशन की इजाजत दे दी. SII ने यह बात तब कही है, जब देश इस समय कोरोना वायरस महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है. जान लें कि कोरोना वैक्सीन की कमी की वजह से देश में 18 से 44 साल के लोगों को वैक्सीन नहीं लग पा रही है. साथ ही कई जगहों पर 45+ लोगों को भी वैक्सीन उपलब्ध नहीं हो पा रही है.
WHO की गाइडलाइंस फॉलो नहीं करने का आरोप
देश में कोरोना वैक्सीन की कमी के बीच सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कार्यकारी निदेशक सुरेश जाधव ने आरोप लगाया कि सरकार ने कई आयुवर्ग के लोगों वैक्सीनेशन की इजाजत दे दी, बिना आकलन किये कि यहां कितनी वैक्सीन की उपलब्धता है और इसको लेकर WHO की क्या गाइडलाइंस हैं.
लक्ष्य के अनुसार 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था
स्वास्थ्य से संबंधित एक आयोजित ई-सम्मलेन के दौरान उन्होंने कहा कि देश को डब्ल्यूएचओ की गाइडलाइंस का पालन करना चाहिए और वैक्सीन की प्राथमिकता उस हिसाब से होनी चाहिए. उन्होंने कहा, पहले लक्ष्य के अनुसार 30 करोड़ लोगों को टीका दिया जाना था, जिसके लिए 60 करोड़ डोज की आवश्यकता थी, लेकिन हमारे इस लक्ष्य तक पहुंचने से पहले ही सरकार ने पहले 45 साल से ऊपर के और फिर 18 साल से अधिक उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीनेशन के दरवाजे खोल दिये हर महीने 10 करोड़ डोज बनाने की बात SII ने कही थी
कंपनी ने मई के अंत में प्रॉडक्शन बढ़ाने की बात कही थी
बता दें कि एस्ट्राजेनेका (AstraZeneca) की कोरोना वैक्सीन कोविशील्ड (Covishield) बना रही कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने कहा था कि वह मांग पूरा नहीं कर पा रही है और विदेशों में इसके प्रॉडक्शन की योजना बना रही है. The Times के अनुसार कंपनी के चीफ एग्जीक्यूटिव ऑफिसर (CEO) अदार पूनावाला ने बातचीत में यह बात कही. कहा कि इस बारे में अगले कुछ हफ्ते में घोषणा होगी. कुछ दिनों पहले पूनावाला ने कहा था कि जुलाई से सीरम इंस्टीट्यूट हर महीने कोविशील्ड की 10 करोड़ डोज बनायेगी. बता दें कि पहले कंपनी ने मई के अंत में प्रॉडक्शन बढ़ाने की बात कही थी.
हर समस्या भारी लगती क्योंकि आबादी भरमार।
अब जिससे पूछो वही चिल्लाये मोदी जिम्मेवार।।
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