Ranchi: रांची सिविल कोर्ट में अब आंशिक रूप से फिजिकल कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गयी है. फिजिकल कोर्ट शुरू करने से पूर्व हाईकोर्ट ने कई गाइडलाइन जारी की थी. जिसका पालन सिविल कोर्ट में किया जाना था. लेकिन रांची सिविल कोर्ट में सभी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
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एडवाइजरी को ताक पर रख कर कोर्ट में प्रवेश कर रहे हैं
कोविड से जुड़ी किसी भी गाइडलाइन का पालन नहीं किया जा रहा है. न तो वकीलों को कोरोना का खौफ है और न ही मुवकिलों को. वकील और उनके क्लाइंट सभी नियमों और एडवाइजरी को ताक पर रख कर कोर्ट में प्रवेश कर रहे हैं, और कोई उन्हे रोकने टोकने वाला कोई नहीं है.
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सिविल कोर्ट में अब नहीं हो रहा सेनिटाइजर का उपयोग
रांची सीविल कोर्ट के मुख्य गेट पर एक टेबल और कुर्सी रखी हुई है. कुछ दिनों पूर्व सेनिटाइजर और थर्मल गन के साथ कोर्ट परिसर में प्रवेश करने वाले सभी लोगों की जांच की जाती थी. लेकिन अब न तो लोग मास्क लगाकर कोर्ट में आ रहे हैं. और न ही कोर्ट में प्रवेश करने से पहले हाथ सेनिटाइज कर रहे हैं. रांची सिविल कोर्ट में आने वाले ज्यादातर वकील और उनके मुवक्किल बिना मास्क के ही बेरोकटोक कोर्ट आ रहे हैं.
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सभी वकीलों को खुद से करना चाहिए गाइडलाइन का पालन
रांची जिला बार एसोसिएशन के प्रशासनिक सचिव पवन खत्री से जब इस मामले पर बातचीत की गई तो उन्होंने कहा कि 9 महीने के लॉकडाउन के बाद हाईकोर्ट ने फिजिकल कोर्ट खोलने के निर्देश के साथ कई गाइडलाइंस जारी की थी. लेकिन रांची सिविल कोर्ट में उन सभी नियमों की बेख़ौफ़ धज्जियां उड़ाई जा रही हैं.
सिविल कोर्ट के सभी वकीलों की भी ये जिम्मेदारी है कि वे खुद भी हाईकोर्ट के निर्देशों का पालन करें. और अपने मुवकिलों को भी इसके लिए बाध्य करें. ताकि कोरोना के खिलाफ जारी इस लड़ाई में चूक न हो.
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