Chhaya
Ranchi : लंबे समय से औद्योगिक बदहाली की मार झेल रहे झारखंड के उद्योगों को कोरोना महामारी ने तोड़ कर रख दिया है. पिछले एक साल से ज्यादा समय से बार-बार लगने वाले लॉकडाउन की मार से उद्योग जगत उबर नहीं पा रहे. झारखंड खनिज बहुल राज्य है. इस कारण यहां खनिज आधारित मध्यम और छोटे उद्योगों की संख्या भी अधिक है. लेकिन लंबे लॉकडाउन के कारण इनकी हालत खस्ता हो गयी है. चालू वर्ष 2021 के अप्रैल से मई तक की बात करें, तो अलग-अलग क्षेत्रों में कई उद्योग बंद हो गये. कुछ अब भी बंद हैं, तो कुछ किसी तरह खींचतान कर नाममात्र का उत्पादन कर रहे हैं. रांची, रामगढ़ और जमशेदपुर के उद्योगों में काम करनेवाले करीब 3 लाख लोगों को पिछले दो महीनों में अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है. नौकरी का सबसे अधिक संकट आदित्यपुर इंडस्ट्रियल एरिया में देखा गया.
आदित्यपुर और सरायकेला में दो लाख लोग बेरोजगार हुए
झारखंड स्मॉल स्केल इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के फिलिप मैथ्यू ने बताया कि जमशेदपुर में स्थिति चिंताजनक है. आदित्यपुर और सरायकेला मिला कर लगभग दो हजार उद्योग हैं. ये सभी मध्यम उद्योग है. यहां अधिकांश उद्योग ऑटो स्पेयर्स पार्ट के हैं. फिलिप ने बताया कि क्षेत्र में अप्रैल से मई तक उद्योग बंद रहे. सरकार ने इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन भी नहीं दिया, जिससे उद्योगों को बंद करना पड़ा. इस इस क्षेत्र में काम करनेवाले लगभग दो लाख लोग बेरोजगार गये हैं. अधिकांश संख्या मजदूरों की है. जून की शुरुआत से कुछ उद्यमों को इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन दिया जा रहा है, जिससे वे 15 फीसदी वर्कफोर्स पर काम कर रहे हैं. बता दें कि पिछले एक साल में इस क्षेत्र में लगभग सात सौ यूनिट बंद हो चुकी है.
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तुपुदाना में 6 और रामगढ़ में 2 हजार लोग हुए बेरोजगार
महावीर रिप्रैक्टरीज के सुरेंद्र सिंह ने बताया कि तुपुदाना में लगभग सौ यूनिट्स हैं. इसमें लगभग पांच खाद्य प्रसंस्करण से जुड़ी हैं, जहां उत्पादन कम रहा. सिंह ने बताया कि क्षेत्र की अधिकतर इकाइयां पांच से 15 फीसदी उत्पादन कर रही है. वो भी जून के बाद. अधिकतर यूनिट्स अब भी बंद है. इस वजह से यहां लगभग छह हजार लोग बेरोजगार हुए. उन्होंने कहा कि फिलहाल उद्योगों की स्थिति सुधरने में समय लगेगा. जानकारी के अनुसार रामगढ़ क्षेत्र के अलग-अलग इलाकों में लगभग 40 औद्योगिक इकाइयां हैं. इनमें ज्यादातर खाद्य और कोयला तथा लोहा आधारित उद्योग हैं. फिलहाल ज्यादातर में काम बंद है. इस क्षेत्र में लगभग दो हजार लोगों के बेरोजगार होने का अनुमान है.
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नामकुम-टाटीसिलवे में 1500 कामगारों की नौकरी गयी
टाटीसिलवे इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के विनोद कुमार अग्रवाल ने बताया कि नामकुम में 40 इकाइयां हैं और टाटीसिलवे में लगभग 80. अप्रैल से खाद्य प्रसंस्करण इकाइयां 50 प्रतिशत क्षमता पर चल रही हैं. नामकुम में खाद्य प्रसंस्करण की 16 और टाटीसिलवे में 15 यूनिट है. जबकि टाटीसिलवे में प्लास्टिक और स्पंज आयरन आधारित 10 उद्योग बंद हो गये. अन्य में 15 प्रतिशत उत्पादन हो रहा है. विनोद ने बताया कि बंद होनेवाली 10 यूनिटों में कार्यरत करीब 400 कामगार बेरोजगार हो गये. इसी तरह अन्य यूनिटों में काम प्रभावित रहने से लगभग एक हजार लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी.