Jamshedpur : टाटानगर रेलवे स्टेशन में 24 घंटे कोरोना जांच करने का दावा खोखला साबित हो रहा है. कोरोना की तीसरी लहर की आशंका को देखते हुए 15 दिन पूर्व ही जिला प्रशासन ने स्टेशन का जायजा लिया था. दावा किया गया था कि 24 घंटे बाहर से आने वाले यात्रियों की कोरोना जांच होगी. पहली लहर की तरह सावधानी बरतते हुए बेरिकेडिंग की गई. जिला स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों को रेलवे प्रशासन की मदद से यात्रियों की कोरोना जांच करने के लिए टाटानगर स्टेशन के एक नंबर प्लेटफॉर्म पर शिविर लगाया गया. लेकिन यात्रियों की जांच नहीं हो रही है.
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मंगलवार को टिटलागढ़-हावड़ा इस्पात एक्सप्रेस (02518) ट्रेन दोपहर 1.40 बजे टाटानगर स्टेशन के तीन बंबर प्लेटफॉर्म पर पहुंची. यात्री तीन नंबर से एक नंबर प्लेटफॉर्म आए और मेन गेट से बाहर निकल गए. उस समय शिविर में दो कर्मचारी बैठे थे. संवाददाता ने उनसे पूछा कि जांच बन्द है क्या, तो एक कर्मचारी ने सवाल किया आपको करानी है क्या. फिर न्यूज का नाम सुनते ही दूसरे ने कहा कि जांच की जा रही है. अभी जांच करने वाले लंच करने गए हैं. शिविर में लगी कुर्सियों पर पुलिस वाले भी आराम कर रहे थे, जिन्हें कोरोना जांच में कर्मचारियों को सहयोग करने की ड्यूटी दी गई है. तभी स्टेशन पूछताछ केंद्र से दो बजे उद्घोषणा हुई कि 05930 ताम्रम हावड़ा एक्सप्रेस भी पांच नंबर प्लेटफॉर्म पर लग गई है. उससे भी उतरने वाले यात्री बिना जांच कराए सीधे बाहर निकल गए. ओडिशा, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र व बंगाल से आने वाली ट्रेनों के यात्रियों की कोरोना जांच करने की बात रेलवे के कर्मचारी कह रहे हैं, लेकिन हकीकत यह है स्टेशन में मनमर्जी से यात्रियों की जांच हो रही है. यह सीधे तौर पर लापरवाही बनती है. कोरोना जांच के बगैर यात्री जिस तरह बाहर हो रहे हैं अगर कोई मरीज कोरोना की चपेट में आता है तो उनकी कांटेक्ट ट्रेसिंग भी नहीं हो सकती.