Ranchi : झारखंड हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रवि रंजन व जस्टिस एसएन प्रसाद की अदालत में वाहन पर नेम प्लेट या बोर्ड लगाने के खिलाफ दाखिल याचिका पर सुनवाई हुई. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात को लेकर नाराजगी जाहिर की कि सरकार की ओर से जारी अधिसूचना में सभी जनप्रतिनिधियों को अपने वाहन पर नेम प्लेट या बोर्ड लगाने की छूट दी गयी है. वहीं इसी अधिसूचना में कहा गया है कि सिर्फ सरकारी वाहन पर ही बोर्ड लगाया जा सकता है. यह तो अपने आप में विरोधाभास की स्थिति है. कोर्ट ने इस मामले में परिवहन सचिव से स्पष्ट जानकारी मांगी है. मामले में अगली सुनवाई पांच अगस्त को होगी.
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क्या जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज हैं
सुनवाई के दौरान परिवहन सचिव केके सोन अदालत में वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए उपस्थित हुए. अदालत ने उनसे पूछा कि जब न्यायिक पदाधिकारियों को निजी वाहन पर बोर्ड लगाना प्रतिबंधित किया गया है, तो फिर जनप्रतिनिधियों को निजी वाहन पर बोर्ड लगाने की छूट क्यों दी गई है? क्या जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र में किसी परिचय के मोहताज हैं, जो उन्हें इसकी छूट दी गई है? अदालत ने पूछा कि किस कानून के अनुसार ऐसा किया गया है?
परिवहन सचिव ने कहा कि बोर्ड केवल सरकारी वाहन पर लगाया जा सकता है और निजी वाहन पर ऐसा करना प्रतिबंधित है. अदालत ने पूछा कि क्या सभी सांसद, विधायक और मुखिया को सरकारी वाहन मिलता है? इस दौरान महाधिवक्ता राजीव रंजन ने कहा कि जनप्रतिनिधियों को दूर क्षेत्र में जाना पड़ता है. इसलिए उन्हें इसकी छूट है. वहीं, सीओ-बीडीओ के सवाल पर उन्होंने कहा कि कानून-व्यवस्था के संधारण के लिए उन्हें छूट दी गयी है.