Ranchi: मंगलवार को विधानसभा के बजट सत्र की कार्यवाही तीसरी बार शुरू होते ही हंगामे में तब्दील हो गया. बीजेपी विधायक सीपी सिंह ने कागज फाड़कर विरोध जताया. सीपी सिंह ने स्पीकर से कहा कि क्या कभी उन्होंने सिनेट मेंबर बनाने के लिए उनकी खुशामद की थी. फिर एक बार मेंबर बनाकर दोबारा उस नोटिफिकेशन को वापस क्यों ले लिया गया. इसका विरोध करते हुए उन्होंने नोटिफिकेशन की प्रति सदन के अंदर ही फाड़कर फेंक दिया. उधर नियोजन नीति को लेकर बीजेपी के विधायकों ने भी हंगामा शुरू कर दिया. फिर वॉकआउट कर बीजेपी के विधायक सदन से निकल गये.
वीडियो में देखें रांची विधायक सीपी सिंह ने क्या कहा
विधायक प्रदीप यादव ने सीपी सिंह के इस आचरण को असंसदीय बताया
विधायक प्रदीप यादव ने सीपी सिंह के इस आचरण को असंसदीय बताया. उन्होंने कहा कि सीपी सिंह कई टर्म विधायक रहे, मंत्री रहे, विधानसभा अध्यक्ष के पद पर भी रहे. इतने अनुभवी नेता का सदन में संसदीय पेपर का फाड़ना असंसदीय है. उन्होंने आसन से अपील की कि सीपी सिंह को इस पूरे बजट सत्र के लिए सदन से निष्कासित किया जाए.
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सदन की गरिमा हुई कलंकित- इरफान
कांग्रेस विधायक डॉ इरफान अंसारी ने कहा कि सदन में मंगलवार को हुई घटना से झारखंड शर्मसार हुआ है. पहले बीजेपी विधायक मनीष जायसवाल और फिर सीपी सिंह ने सदन की गरिमा को कलंकित करने का काम किया है. इतना सीनियर विधायक होकर सीपी सिंह ने पेपर फाड़े, आंख दिखाया. उनपर कार्रवाई होनी चाहिए. नहीं तो आज पेपर फाड़ने वाले कल टेबल-कुर्सी फेंकेंगे.
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संसदीय पत्र ही होता तो क्या होता- सीपी सिंह
इस मुद्दे पर लगातार.इन से बातचीत में सीपी सिंह ने कहा कि स्पीकर के अनुमोदन पर उन्हें श्यामा प्रसाद मुखर्जी यूनिवर्सिटी का सिनेट मेंबर बनाया गया था. लेकिन 3 दिन बाद नोटिफिकेशन वापस ले लिया गया. इससे उनकी गरिमा को ठेस पहुंची. इसलिए पेपर फाड़कर विरोध जता रहे थे. संसदीय पत्र फाड़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि वह संसदीय पत्र नहीं था. अगर संसदीय पत्र होता भी तो क्या होता.