हजारीबाग रेंज के सभी एसपी के साथ मैराथन बैठक कर बोले डीजीपी
राज्य में चार से पांच आपराधिक गैंग सक्रिय, उनके ही गुर्गे घटना को दे रहे अंजाम
चतरा बन गया है नशे के व्यापार का केंद्र, स्थानीय लोग ही कर रहे हैं अफीम की खेती
संगठित अपराध के अलावा की गई क्राइम कंट्रोल, अनुसंधान एवं नक्सल अभियान की समीक्षा
Hazaribagh : हजारीबाग रेंज में संगठित अपराध की समीक्षा करने के लिए झारखंड के डीजीपी अजय कुमार सिंह ने रविवार को समारणालय भवन में उच्च स्तरीय मैराथन बैठक की. डीजीपी ने हजारीबाग रेंज में पड़ने वाले सभी जिले के एसपी को स्पष्ट हिदायत देते हुए अपराध नियंत्रण करने का आदेश दिया. बैठक के दौरान डीजीपी ने कहा कि संगठित अपराध पर मुख्य रूप से समीक्षा की जा रही है. राज्य में चार से पांच आपराधिक गैंग हैं, जो शांति व्यवस्था प्रभावित कर रहे हैं. पैसे की उगाही या गोली चलाना इन्हीं चिह्नित गैंग के अपराधी कर रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे गैंग पर पुलिस और एटीएस मिलकर कार्रवाई कर रही है और काफी अच्छे परिणाम भी सामने आ रहे हैं. कई गुर्गे अब जेल की सलाखों में कैद हैं. उन्होंने यह भी कहा कि अपराधियों की धरपकड़ के लिए कई कदम उठाए गए हैं. जेल से संगठित अपराध की घटना को अंजाम दिया जा रहा है. इस सवाल पर डीजीपी ने कहा कि ओपन फोरम में यह नहीं कहा जा सकता है कि क्या कदम उठाया जा रहा है. लेकिन कड़े कदम उठाए गए हैं और आने वाले दिनों में भी जेल से अपराध रोकने के लिए ऑपरेशन चलाया जाएगा. अनुसंधान शीघ्र हो और सजा भी जल्द कराने के लिए पुलिस तत्पर है. उन्होंने कहा कि कानूनी कार्रवाई के लिए पुलिस हमेशा तत्पर है. किसी को भी अपराध करने की इजाजत नहीं दी जा सकती.
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चतरा जिले से ही नशे का व्यापार हो रहा है, इस बात को डीजीपी ने भी स्वीकार किया है. उन्होंने यह भी कहा कि कोई बड़ा गैंग या बाहर से आकर अपराधी नशे का अवैध धंधा नहीं कर रहे हैं. स्थानीय लोगों की मिलीभगत से ही छोटे-छोटे इलाकों में अफीम की खेती की जा रही है. पुलिस को खेती करने और उससे जुड़े हुए सभी बिंदुओं की जानकारी रहती है. समय-समय पर ऑपरेशन चलाकर नशे के व्यापारियों की कमर तोड़ी जा रही है. नशे के व्यापारियों के खिलाफ झारखंड पुलिस और उससे जुड़ी अन्य संस्था भी काम कर रही है. पुलिस नशा व्यापारियों के खिलाफ आने वाले दिनों में भी ऑपरेशन चलाएगी.
लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी हुई चर्चा
बैठक में लोकसभा चुनाव को लेकर भी चर्चा की गई. डीजीपी ने चुनाव को लेकर अभी से ही सुरक्षा को लेकर तैयारी में जुट जाने को कहा. उसमें किसी भी तरह की चूक न हो. हाल के दिनों में जिले में कितनी बार आपराधिक संगोष्ठी हुई है, इसकी भी जानकारी ली गई. डीजीपी ने सभी जिलों के एसपी से हो रहे अपराध और अपराध की प्रवृत्ति व लंबित मामलों के बारे में जानकारी ली. डीजीपी ने यह भी कहा कि अनुसंधान की गति को तेजी देना भी महत्वपूर्ण होता है, ताकि अपराधियों के खिलाफ सजा भी मुकर्रर हो सके. डीजीपी ने जेल में बंद कैदी पर विशेष रूप से नजर रखने की बात कही है. जैसे ही कोई अपराधी बेल पर बाहर निकलता है, तो उस पर भी निगाह बनाए रखने को कहा है. महिला सुरक्षा पर किसी भी तरह की कोताही नहीं बरतने की बात कही गई. उन्होंने सभी जिले के एसपी को सूचना तंत्र मजबूत करने पर बल दिया. साथ ही पीपुल्स फ्रेंडली पुलिस की सोच को धरातल पर उतारने की बात कही.
जयंत सिन्हा के बयान पर साध ली चुप्पी
बीते शनिवार को हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा ने राज्य में गिरते कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़ा किया था और कहा था कि जान और जीवन दोनों झारखंड में सुरक्षित नहीं है. क्राइम इंडेक्स में झारखंड पूरे देश भर में पहला स्थान रख रहा है. यहां कानून राज खत्म होता जा रहा है. इस बात पर डीजीपी से सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि वह उनके इस बयान को नहीं सुने हैं और यह बात कह कर चुप्पी साध ली. कहीं न कहीं जयंत सिन्हा के इस बयान का जवाब डीजीपी के पास नहीं दिखा.
बैठक के बाद कुछ बड़े परिवर्तन के आसार
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कुछ दिन पहले ही राज्य पुलिस के साथ बैठक कर सूबे में शांति व्यवस्था और अपराधियों पर नकेल कसने को कहा था. ऐसे में कहा जा रहा है कि उस बैठक का ही असर है कि डीजीपी अब मुख्यालय छोड़कर जिले में जाकर बैठक कर रहे हैं. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि बैठक के बाद कुछ बड़े परिवर्तन होने के आसार भी बन रहे हैं.
समीक्षा के दौरान मामलों की ली गई जानकारी
बैठक में हजारीबाग रेंज में पड़ने वाले सभी जिले रामगढ़, चतरा, हजारीबाग, गिरिडीह और कोडरमा एसपी, रेंज डीआईजी से अपराध नियंत्रण, अनुसंधान एवं नक्सल अभियान की जानकारी ली गई. बैठक में झारखंड पुलिस मुख्यालय के लगभग सभी पदाधिकारी उपस्थित थे. इसमें डीजीपी हेडक्वार्टर मुरारी लाल मीणा, एडीजी ऑपरेशन संजय आनंद लाटकर, आईजी हेडक्वार्टर मनोज कौशिक, आईजी मानवाधिकार अखिलेश झा, आईजी अभियान अमोल वेणुकांत होमकर, आईजी स्पेशल ब्रांच प्रभात कुमार भी शामिल थे.
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