Ranchi: झाऱखंड में खाद्य आपूर्ति विभाग की सबसे निचली ईकाई डीलर की कहानी का कोई अंत नहीं दिखता. पिछले दिनों विभाग के मंत्री डॉ रामेश्वर उरांव के निर्देश पर करीब 100 डीलरों पर कम राशन देने को लेकर जांच और कार्रवाई की गयी थी. इधर रामगढ़ जिले के गोला प्रखंड के खोखा गांव के डीलर को लेकर ग्रामीणों की शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हो रही. गांव के ग्रामीण शंकर करमाली डीलर प्रेमचंद महतो द्वारा कम अनाज देने की शिकायतें प्रखंड आपूर्ति पदाधिकारी से लेकर विभाग के मंत्री तक कर चुके हैं. यहां तक कि झारखंड राज्य खाद्य आयोग और मुख्यमंत्री जनसंवाद में भी इसकी शिकायतें पहुंची, लेकिन अबतक आपूर्ति पदाधिकारी सिर्फ जांच करने का आश्वासन देते आये हैं.
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गोदाम से ही कम मिलता है राशन- डीलर
पीड़ितों ने आपूर्ति पदाधिकारी और डीलर से फोन पर हुई बातचीत का ऑडियो भी उपलब्ध कराया है, जिसमें दोनों कहते हैं कि सिस्टम में ही कमी है, जिससे ग्रामीणों को कम राशन मिल पाता है. आपूर्ति पदाधिकारी कहते हैं कि डीलरों को पैसा नहीं मिलता, जिसकी वजह से उन्हें चोरी करनी पड़ती है. वही डीलर कह रहे हैं कि गोदाम से ही किलो दो किलो कम राशन दिया जाता है, जिसकी भरपाई वे ग्रामीणों के कोटे से करते हैं.
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कितना कम मिलता है राशन
पीएच कार्डधारकों को प्रति यूनिट पांच किलो चावल मिलता है. जिसमें एक किलो डीलर काट लेते हैं. अंत्योदय कार्डधारकों को प्रतिमाह 35 किलो अनाज मिलता है. उसमें से 3 किलो काट लिया जाता है. प्रति कार्ड तीन किलो चीनी में 300 ग्राम और एक किलो चना में 200 ग्राम की कटौती डीलर के स्तर पर की जाती है.
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