- जल संसाधन विभाग डोमनी बराज योजना के लिए राशि आवंटन से पहले चाहता है जांच कराना
- पुलिस ने साइबर ठगी का मामला दर्ज करते हुए जांच शुरू की, अबतक नहीं मिला बैंक से पैसा उड़ाने वाला
Amit Singh
Ranchi: जल संसाधन विभाग ने 10 करोड़ ठगी की जांच प्राइम एजेंसी से कराने का निर्णय लिया है. जांच कराने के लिए विभाग सरकार से आग्रह करेगा. इस ठगी में अफसरों और साइबरठगों के बीच साठगांठ की बात सामने आ रही है. यह 10 करोड़ रुपए गढ़वा के खरौंधी थाना क्षेत्र के डोमनी नदी में बनने वाले बराज निर्माण में मुआवजा देने के लिए जारी हुआ था.
जिसे साइबर ठगों ने चेक का क्लोन बनाकर पैसा निकाल लिया. राशि निकासी के बाद भू-अर्जन विभाग की ओर से कई रैयतों को मुआवजा नहीं दिया गया. जब मुआवजा हड़पने की बात सामने आई, तो पता चला कि साइबरठगों ने बैंक खाता से पैसे ही उड़ा लिए हैं.
पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है. इसे पुलिस साइबर ठगी का मामला बता रही है. कई लोगों से पुलिस पूछताछ भी कर चुकी हैं. इस ठगी में भू- अर्जन विभाग, जल संसाधन विभाग और बैंक अफसरों से मिलीभगत होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता है.
इसे देखते हुए जल संसाधन विभाग ने पूरे मामले की जांच, प्राइम एजेंसी से कराने को लेकर कार्रवाई शुरू किया है. दूसरी तरफ मुआवजा की राशि की अवैध निकासी होने के बाद रैयतों को मुआवजा भुगतान अटक गया है. हाल ही में जिला विकास समन्वय एवं निगरानी कमेटी (दिशा) की बैठक में किसानों को मुआवजा नहीं मिलने का मामला उठा.
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मुआवजा देने में विलंब हुआ, तब ठगी की बात सामने आई
डोमनी नदी बराज योजना को 2014 में कैबिनेट से स्वीकृति मिली थी. तत्कालीन केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री जयराम रमेश ने तत्कालीन विधायक अनंत प्रताप देव की उपस्थिति में शिलान्यास किया था. शिलान्यास के बाद बराज निर्माण के लिए विशेष-भू-अर्जन विभाग द्वारा भूमि-अधिग्रहण के लिए कार्रवाई शुरू की गई थी.
2016 में 10 करोड़ रुपए भू-अर्जन विभाग को दिए गए, ताकि जिनकी जमीन ली गई, उन्हें मुआवजा दिया जा सके. जब मुआवजा नहीं मिलने का मामला उठा, तब भू-अर्जन विभाग के पदाधिकारियों ने बताया कि डालटनगंज बैंक से चेक का क्लोन बनाकर पैसा निकाल लिया गया है. जिसे झारखंड में अब तक का सबसे बड़ा साइबर क्राइम का मामला माना जा रहा है.
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बराज योजना पर 39 करोड़ खर्च करने का तैयार हुआ था प्राक्कलन
वर्ष 2018 में तत्कालीन मुख्यमंत्री रघुवर दास ने 10 सिंचाई योजनाओं के लिए प्रयास शुरू किया था. उनमें डोमनी बराज निर्माण भी शामिल था. इस बराज के निर्माण में 39 करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान था. बराज बन जाने से जिले की 2856 हेक्टेयर भूमि सिंचित होता. गढ़वा का खरौंधी प्रखंड जिला मुख्यालय से 78 किलोमीटर दूर उत्तर प्रदेश से सटा हुआ है.
एक बार फिर से इस योजना पर अफसरों ने काम शुरू किया है. मुआवजा राशि पुन: आवंटित करने के लिए जल संसाधन विभाग से आग्रह किया था. विभाग राशि आवंटित करने से पहले ठगी के पूरे मामले की जांच कराना चाहती है.