Ranchi : राज्य में गठित हेमंत-कांग्रेस गठबंधन सरकार में गठित होने वाली 20 सूत्री, निगरानी और 15 सूत्री क्रियान्वयन समिति में अल्पसंख्यक विभाग के समर्पित पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को उचित स्थान देने की मांग उठी है. कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश अध्यक्ष शकील अख्तर अंसारी ने कहा है कि संगठन से बाहर के अल्पसंख्यकों को अगर तरजीह दी गई तो यह उचित नहीं होगा. पार्टी मुख्यालय में सोमवार को झारखंड प्रदेश कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश पदाधिकारियों और जिलाध्यक्षों की एक बैठक बुलायी गयी थी. बैठक में यह बात प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डॉ रामेश्वर उरांव भी उपस्थित थे.
इस दौरान मॉब लिंचिंग पर रोक लगाने के कठोर कानून बनाने, अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा को लेकर राज्य अल्पसंख्यक आयोग, वक्फबोर्ड और उर्दू एकादमी का गठन करने सहित कई मांगे भी अल्पसंख्यक विभाग द्वारा की गयी. शकील अख्तर अंसारी ने कहा कि आने वाले समय में कई शहरों में स्थानीय निकाय के चुनाव होने है, इसमें अल्पसंख्यक उम्मीदवारों को पार्टी समर्थन करें.
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अल्पसंख्यकों के लिए की गयी निम्न मांगें
• बैठक में गिरिडीह में बनी यूनानी मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल, जो 2014 से बंद है, उसे चालू कराने.
• चक्रधरपुर और चाईबासा में मदरसा एवं अल्पसंख्यक शिक्षकों के वेतन भुगतान में जो विलंब होता है, उसे समाप्त करने.
• अल्पसंख्यक स्कूल तथा छात्रावास की व्यवस्था सुनिश्चित करने.
• 15 सूत्री और 20 सूत्री समिति में अल्पसंख्यकों को स्थान देने.
• स्कूलों में बच्चों के लिए मुफ्त उर्दू की किताबें उपलब्ध कराने.
• विधायकों से विधायक प्रतिनिधि में अल्पसंख्यकों को भी स्थान देने समेत कई अन्य मांगें भी की गयी.
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डॉ उरांव ने कहा, मुख्यमंत्री से मिलकर समस्याओं से कराएंगे अवगत
अल्पसंख्यकों से जुड़ी सभी मांगों को लेकर डॉ उरांव ने विभाग को उनकी मांगों और सुझावों को लेकर तीन सदस्यीय समिति गठित करने का सुझाव दिया. उन्होंने कहा कि विधायक दल के नेता आलमगीर आलम के रांची आने के बाद वह इन मांगों को लेकर एक बैठक करेंगे. फिर मुख्यमंत्री से मिलकर समस्याओं से अवगत कराएंगे और समाधान के लिए काम करेंगे. उन्होंने कहा कि चुनाव पूर्व कांग्रेस और जेएमएम ने अल्पसंख्यक समेत सभी वर्गों के विकास के लिए जो वादा किया था, उसे गठबंधन सरकार जरूर पूरा करेगी. उन्होंने कहा कि उनका यह स्पष्ट मानना है कि मॉब लिंचिंग जैसी घटनाओं पर अंकुश लगना चाहिए और इसके लिए कठोर कानून बनना चाहिए.