Ranchi: कोरोना संक्रमण को लेकर लगे लॉकडाउन से व्यवसायिक वाहन मालिकों को हो रही कठिनाइयों के निराकरण को लेकर रांची बस ऑनर एसोसिएशन का एक प्रतिनिधिमंडल मंगलवार को परिवहन सचिव केके सोन से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने सचिव से मांग किया है कि बस मालिकों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए राज्य सरकार अप्रैल-मई-जून 2021 के टैक्स माफ करने की पहल की जाए.
प्रतिनिधिमंडल ने सचिव को बताया कि लॉकडाउन को लेकर झारखंड में बसों का परिचालन अभी बंद है. करीब 9 माह (2020 में 6 और 2021 में 3 माह) बसों का परिचालन बंद होने कारण व्यवसायिक वाहन मालिक आर्थिक संकट का सामना कर रहे हैं. दूसरी ओर टायर, डीजल, मोटर पार्ट्स आदि के दरों में बेतहाशा वृद्धि हो गई है, ऐसे में परिवहन व्यवसाय मरणासन्न स्थिति में है.
प्रतिनिधिमंडल ने बताया कि लॉकडाउन के कारण केंद्रीय परिवहन मंत्रालय द्वारा वाहनों के विभिन्न दस्तावेजों, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, फिटनेस, पंजीकरण प्रमाण पत्र, परमिट सहित अन्य जिसकी अवधि समाप्त हो चुकी है,कि वैधता 30 सितंबर 2021 तक बढ़ा है. ऐसे में एसोसिएशन मांग करता है कि महामारी के कारण जारी प्रतिबंधों से व्यवसाय की दयनीय स्थिति को देखते हुए अप्रैल मई-जून 2021 के टैक्स माफी की स्वीकृति दे. साथ ही इंश्योरेंस के अवधि विस्तार के लिए उड़ीसा सरकार की तर्ज पर झारखंड सरकार भी इंश्योरेंस रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट ऑफ इंडिया और वित्त मंत्रालय को पत्र भेजने पहल करें.
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एसोसिएशन ने सचिव को दिए कई महत्वपूर्ण सुझाव
- राज्य में कई नए-नए सड़क मार्ग बनाए गए हैं. ऐसे में क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार को रूट फॉर्मूलेशन करने हेतु निर्देशित करने की आवश्यकता है.
- रांची क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार में विगत 20 वर्षों से बैठकों का आयोजन किया गया है. जिस कारण लगभग 100 अस्थाई परमिट का नवीकरण नहीं हो सका है. ऐसे में सरकार नवीकरण हेतु दिशा निर्देश जारी करें.
- 21 मई 2018 से पहले बनी हुई स्लीपर बसों को नियमित करते हुए टैक्स की गणना कर बसों के परिचालन की अनुमति दी जाए. इससे सरकार को करोड़ों रुपए राजस्व की प्राप्ति होगी.
- वैश्विक आपदा के कारण विगत 22 मार्च 2020 से स्कूल एवं शिक्षा संस्थानों के बस आज तक बंद है. तथा भविष्य में भी चलने की स्थिति में नहीं है. ऐसे में सरकार से मांग है कि स्कूली बस एवं शिक्षण संस्थानों में संलग्न बसों का 31 मार्च 2022 तक कर माफी की पहल की जाए.
- बसों का अस्थाई परमिट, शादी विवाह, पर्यटन, मेला, जलसा इत्यादि के आयोजन पर 7 दिन एवं 28 दिन का अस्थाई परमिट जारी करने की पहल की जाए.
- राज्य के प्रत्येक जिले में भारी मोटर ड्राइविंग केंद्र की स्थापना की जाए.
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