Ranchi: टाना भगतों का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू से मिला. इस से पहले टाना भगत 17 जून को भी राज्यपाल से मिल चुके हैं. राज्यपाल से मिलने के बाद टाना भगत परमेश्वर टाना भगत ने lagatar.in को बताया कि वे लोग 17 जून के ज्ञापन का जवाब मांगने राज्यपाल से मिले थे. राज्यपाल ने कहा कि उनकी मांगों को उन्होंने सरकार को भेज दिया है. राज्यपाल ने कहा है कि शुक्रवार सुबह 11 बजे आकर वे सरकार को भेजी गई प्रति की कॉपी ले सकते हैं.
टाटा भगतों ने जमकर काटा बवाल
इस से पहले रांची में टाना भगतों के द्वारा जम कर बवाल काटा गया. सैकड़ों की संख्या में टाना भगत राज्यपाल से मिलने राजभवन पहुंचे. जहां से प्रशासन ने उन्हें मोरहाबादी मैदान जाने को कहा. मोरहाबादी में भी प्रशासन और टाना भगतों में तीखी नोंकझोंक देखने को मिला. टाना भगतों का दावा है सरकार के ऊपर उनका सैंतीस खरब चौबीस करोड़ का बकाया है.
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टाना भगतों का कहना है उन्होंने आजादी की लड़ाई में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. लेकिन आजादी के बाद विभिन्न सरकारों ने उन्हें ठगने का काम किया है. झारखंड सहित देश के दस राज्य पांचवी अनुसूची के अंतर्गत आते हैं. पांचवी अनुसूची के तहत यहां चपरासी से लेकर अधिकारी तक आदिवासी समुदाय का होना चाहिए. साथ ही टाना भगतों ने कहा राज्य के सभी 81 विधायक को इस्तीफा देना चाहिए. इसके साथ राज्य में पांचवी सूची के तहत शासन व्यवस्था चलाना चाहिए. टाना भगत कमिटी के अध्यक्ष धनेश्वर टाना भगत ने कहा कि उनलोगों का सरकार के ऊपर सैंतीस खरब चौबीस करोड़ रुपये बकाया है. टाटा भगतों ने कहा कि, राज्यपाल सरकार से टाना भगतों को हक़ दिलाने का काम करे या गद्दी छोड़ें.
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