सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर सबसे ज्यादा बवाल
हालांकि किसान संगठनों ने रामलीला मैदान में नए खेती कानूनों का विरोध करने की इजाजत मांगी थी. दिल्ली में एंट्री मिलने के बाद हरियाणा में भी कई जगहों पर रोके गए किसानों को आगे बढ़ने की इजाजत दे गयी. शुक्रवार सुबह सबसे ज्यादा बवाल सिंधू और टिकरी बॉर्डर पर हुआ. किसानों को रोकने के लिए भारी संख्या में फोर्स तैनात थी. बड़ी संख्या मेंसड़कों पर बैरियर रखे थे. भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े गए और लाठीचार्ज भी हुआ.
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किसानों की अहम बैठक में ‘दिल्ली चलो’ पर होगी चर्चा
हरियाणा-पंजाब के किसानों का समर्थन करते हुए वेस्ट यूपी में भी किसान सड़कों पर उतरे. मेरठ, मुजफ्फरनगर, बागपत, बिजनौर, शामली, बुलंदशहर, मथुरा, आगरा और मुरादाबाद से गुजरने वाली सड़कों को जाम कर दिया. एनएच-58, दिल्ली-देहरादून हाइवे और यमुना एक्सप्रेस-वे पर कुछ घंटों के लिए गाड़ियों की रफ्तार थम गई. उधर, पंजाब के किसान नेताओं ने शुक्रवार को बताया कि वे शनिवार को बैठक कर आगे के कदमों के बारे में चर्चा करेंगे. हालांकि ये किसान नेता केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन के लिए बुराड़ी जाने के पक्ष में हैं.