New Delhi: केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन अभी भी जारी है. प्रदर्शनकारी किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं. किसान आंदोलन का आगे क्या रुख होगा, इसको लेकर रविवार को सुबह 11 बजे के करीब एक बैठक होगी. उसके बाद ही तय होगा कि किसान बॉर्डर पर डटे रहेंगे या सुरक्षित इलाके में जाएंगे. वहीं गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि अगर किसान चाहते हैं कि भारत सरकार उनसे जल्दी बात करे तो उन्हें आंदोलन के लिए निर्धारित जगह पर जाना होगा. जैसे ही किसान सिंधु और टिकरी बॉर्डर से हटेंगे, उसके दूसरे ही दिन भारत सरकार उनसे बातचीत के लिए तैयार रहेगी.
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कंडीशन लगाने से दुखी, लेकिन बात करने को तैयार हैं किसान
गृह मंत्री के जवाब में किसान नेता जगजीत सिंह और शिवकुमार कक्का ने कहा है कि हम सरकार के साथ बातचीत करने को तैयार हैं, लेकिन शर्त नहीं होनी चाहिए. किसान नेताओं का कहना है कि हमें इस बात का दुख है कि अमित शाह ने कंडीशन लगाई है कि पहले आपको एक जो जगह दी गई है वहां जाना चाहिए. उसके बाद बातचीत होगी. यह ठीक नहीं है. किसान नेताओं ने कहा कि बातचीत से ही समस्या का समाधान निकलता है. यह हम मानते हैं, लेकिन अमित शाह ने जो भी कहा है उस पर कल बैठक होगी. हम विचार करेंगे कि हमें आगे क्या करना है.
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सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर अभी भी डटे हैं किसान
अभी कई किसान संगठन सिंधु और टिकरी बॉर्डर पर डटे हैं. वो रविवार सुबह की बैठक के बाद ही तय करेंगे कि उन्हें वहीं रहना है या निरंकारी ग्राउंड रवाना होना है. भारतीय किसान यूनियन कड़िया की जालंधर इकाई के अध्यक्ष बलजीत सिंह महल ने कहा कि आज हमने एक बैठक की और यह फैसला लिया कि हम यहां (सिंधु बॉर्डर) डटे रहेंगे. कल (रविवार) सुबह एक और बैठक होगी और तब तक हम सिंधु बॉर्डर पर ही रहेंगे.
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