NewDelhi : जम्मू-कश्मीर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सर्वदलीय बैठक आज होनी है. खबर है कि कल बुधवार को परिसीमन आयोग ने जम्मू और कश्मीर के सभी 20 जिलों के उपायुक्तों (डीसी) के साथ बैठक की. बैठक में उप चुनाव आयुक्त चंद्र भूषण ने जिला आयुक्तों से लोगों की आकांक्षाओं समेत कई मसलों पर फीडबैक लिया. जानकारी के अनुसार परिसीमन आयोग द्वारा जनसांख्यिकी पर विस्तृत रिपोर्ट जिला आयुक्तों से मांगी गयी थी.
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पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 87 थी
बता दें कि अनुच्छेद 370 और 35A के हटने से पहले जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों की संख्या 87 थी, जिसमें जम्मू में 37, कश्मीर में 46 और लद्दाख में चार सीटें थीं. 5 अगस्त, 2019 को लद्दाख को अलग केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था, इसलिए विधानसभा की कुल संख्या 83 हो गयी है. सूत्रों ने बताया कि परिसीमन प्रक्रिया के तहत जम्मू कश्मीर में कुछ विधानसभा सीटों को अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित किया जाना है.
विधानसभा की कुल संख्या 90 हो जायेगी
सूत्रों के अनुसीर परिसीमन आयोग 2011 की जनगणना के अनुसार विधानसभा क्षेत्रों को फिर से बनाने जा रहा है, लेकिन सीटों की संख्या में केवल सात सीटों की वृद्धि होने वाली है, इसलिए परिसीमन के बाद विधानसभा की कुल संख्या 90 हो जायेगी. इसके अलावा जम्मू-कश्मीर विधानसभा में 24 खाली सीटें भी है. यह सीटें पाकिस्तान अधिकृत जम्मू कश्मीर (पीओजेके) के लिए आरक्षित हैं.
परिसीमन का उद्देश्य सीटों की सीमाओं (पिछली जनगणना, 2011 के आधार पर) को एक तरह से फिर से बनाना है ताकि सभी सीटों की आबादी पूरे राज्य में समान हो. एक निर्वाचन क्षेत्र की सीमा बदलने के अलावा, इस प्रक्रिया के परिणामस्वरूप राज्य में सीटों की संख्या में परिवर्तन हो सकता है.
परिसीमन आयोग जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेगा
यह भी खबर है कि परिसीमन प्रक्रिया पर चर्चा के लिए परिसीमन आयोग जल्द ही जम्मू-कश्मीर में राजनीतिक दलों के साथ बैठक करेगा. जम्मू-कश्मीर के 20 जिलों के उपायुक्तों ने परिसीमन आयोग को अंतिम डेटा भेजा है. आयोग अब एक मसौदा परिसीमन मानचित्र पर काम कर रहा है. नक्शा तैयार होने के बाद आपत्तियों और सुझावों के लिए इसे सार्वजनिक किया जायेगा.
परिसीमन 2011 की जनगणना पर आधारित होगा, लेकिन आयोग ने उपायुक्तों से भौतिक विशेषताओं और जनसांख्यिकीय पैटर्न के साथ-साथ लिंग डेटा के संबंध में अपने संबंधित जिलों से डेटा देने के लिए कहा है. सुप्रीम कोर्ट की सेवानिवृत्त जज रंजना प्रकाश देसाई की अध्यक्षता वाला परिसीमन पैनल जम्मू-कश्मीर में परिसीमन प्रक्रिया को पूरा करने के लिए काम कर रहा है. मुख्य चुनाव आयुक्त (सीईसी) सुशील चंद्रा भी पैनल में शामिल हैं.