Jamtara: जिले के नारायणपुर प्रखंड स्थित पंचायत सचिवालय डाभाकेंद्र में 14/15 वित्तीय अनियमितता की जांच मांग की गई है. मंजर मोहाली ने पदाधिकारियों को आवेदन देकर जांच सत्यापन और कानूनी कार्रवाई करने की मांग की है. मुखिया और पंचायत सचिव की मिलीभगत से विभिन्न योजना मदों की लगभग साढ़े चार लाख रुपये के बंदरबांट की ग्रामीणों ने शिकायत की है. उपायुक्त को दिये आवेदन में वित्तीय अनियमितता, गबन और सरकारी पैसों की बंदरबांट की बात कही गयी है.
देखिए वीडियो-
इसे भी पढ़ें-गोविंदपुर थाना प्रभारी पर लगा कोयला के अवैध कारोबार को संरक्षण देने का आरोप
कब कितनी राशि मद में पहुंची ?
पंचायत सचिवालय डाभाकेंद्र में कोविड मद का 30 मार्च 2021 को 69 हजार 150 रुपया निकाला गया. दूसरा मद 25 अप्रैल 2021 को, तीसरा मद 1,49,820 रुपया सरकारी स्कूल में डस्टबीन लगाने के लिए आया. चौथा मद 1,49,988 रुपया चापाकल की मरम्मती को लेकर आया. लेकिन सभी राशि निकलने के बाद भी अभी तक पंचायत के किसी स्कूल में न तो डस्टबिन लगाया गया और ना ही चापाकल की मरम्मती की गई है.
इसे भी पढ़ें-बड़कागांव की विधायक अम्बा प्रसाद को लेकर आजसू पार्टी कार्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस
क्या कहते हैं पंचायत सचिव ?
इधर पंचायत सचिव अनुरुद्ध सेन ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि, सभी मद की राशि के वाउचर मेरे पास है. वहीं चापाकल की मरम्मती का सामान, डस्टबिन पंचायत भवन में रखा गया है. कोरोना काल में काम करने में विलम्ब हुआ है. सारे कार्य कुछ दिनों में शुरू कर दिया जायेगा.
इसे भी पढ़ें-रेलकर्मी की गला काटकर हत्या, बड़वाबेड़ा गांव के पास मिला शव, जांच में जुटी पुलिस