Vinit Upadhyay
Ranchi: फिलहाल झारखंड की पूरी न्याय व्यवस्था वर्चुअल माध्यम से संचालित हो रही है लेकिन लॉक डाउन के दौरान शुरू हुई इस ऑनलाइन व्यवस्था में बदलाव की मांग अब तेज़ होती जा रही है. जिला बार एसोसिएशन के कार्यालय को अधिवक्ताओं के लिए खोल दिए जाने के बाद अब झारखंड हाईकोर्ट समेत राज्य के सभी जिला न्यायालयों को भी पहले की तरह रेगुलर किये जाने की मांग उठ रही है.
इसे भी पढ़ें – AIMIM विधायक अख्तरूल ईमान ने ‘हिन्दुस्तान’ पर जताई आपत्ति, भारत के नाम पर ली शपथ
वकीलों के आर्थिक और मानसिक स्थिति पर पड़ रहा असर
रांची जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव एवं स्टेट बार काउंसिल के प्रवक्ता संजय विद्रोही ने भी फिजिकल कोर्ट में सुनवाई की प्रक्रिया की दिशा में कदम उठाये जाने की मांग करते हुए कहा है कि रेगुलर कोर्ट शुरू नहीं होने से 50 प्रतिशत से ज्यादा वकीलों की आर्थिक और मानसिक स्थिति खराब हो चुकी है वहीं कई अधिवक्ता आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से डिप्रेशन में चले गये हैं. ऐसे में झारखंड स्टेट बार काउंसिल को रेगुलर कोर्ट शुरू करने की दिशा में जल्द कोई कदम उठाना चाहिए. उन्होंने रेगुलर कोर्ट में सुनवाई शुरू करने की मांग को लेकर अधिक्वताओं द्वारा सांकेतिक हड़ताल करने की बात कही है
वहीं झारखंड स्टेट बार काउंसिल के सदस्य हेमंत शिकरवार ने कहा है कि अब यह सही समय है जब स्टेट बार काउंसिल को आगे आकर झारखंड के सभी अधिवक्ताओं का दर्द समझते हुए रेगुलर कोर्ट शुरू करवाने की दिशा में उचित कदम उठाना चाहिए.
इसे भी पढ़ें –बदमाशों ने चालक को बेहोश कर लूटी इनोवा, दिल्ली से बिहार के लिए किया था बुक