New Delhi : कांग्रेस ने नोटबंदी के सात साल पूरा होने के अवसर पर आज बुधवार को आरोप लगाया कि केंद्र सरकार के इस फैसले से देश की अर्थव्यस्था की कमर टूट गयी तथा अर्थव्यवस्था में सुधार का आरंभ हुआ सिलसिला खत्म हो गया. यह कहते हुए पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह दावा भी किया कि देश इस भीषण त्रासदी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कभी माफ नहीं करेगा. नेशनल खबरों के लिए यहां क्लिक करें
Today is the 7th anniversary of the Modi-made demonetisation disaster from which our country is still reeling. We need to recall and remind ourselves of what the PM inflicted on the Indian economy and on the daily livelihoods of crores of families. Here’s our detailed statement. pic.twitter.com/Y3vmwH5xgW
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) November 8, 2023
नोटबंदी के बाद मोदी जी ने 50 दिन माँगे थे, आज 7 साल हो गए।
वो चौराहा तो नहीं मिला, देश को दोराहे पर ज़रूर खड़ा कर दिया।
एक तरफ़ अमीर, अरबपति अमीर हो गया है,
तो दूसरी ओर, गरीब और भी गरीब होता जा रहा है।आज 150 लोगों को श्रद्धांजलि देने का अवसर है जिन्होंने नोटबंदी के…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) November 8, 2023
याद करें कि पीएम मोदी ने आठ नवंबर, 2016 को रात आठ बजे देश को संबोधित करते हुए 500 रुपये और 1000 रुपये के नोट बंद करने का ऐलान किया था. साथ ही सरकार ने 500 और 2000 रुपये के नये नोट जारी किये थे. अब 2000 रुपये के नोट को भी चलन से बाहर कर दिया गया है. रमेश ने एक बयान में कहा, आज से सात साल पहले आठ नवंबर 2016 को रात 8 बजे, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश पर नोटबंदी का प्रहार किया था. एक निर्णय जिसने भारतीय अर्थव्यवस्था की कमर तोड़ दी
24 मार्च, 2020 को अचानक लॉकडाउन किया गया
24 मार्च, 2020 को अनियोजित, अचानक किये गये लॉकडाउन के साथ एक बार फिर दोहराया गया, जिसके कारण लाखों प्रवासी श्रमिकों को सैकड़ों और हजारों किलोमीटर पैदल चलकर घर वापस जाना पड़ा. उन्होंने दावा किया, प्रधानमंत्री द्वारा लोगों की पीड़ा का मजाक उड़ाना, हंसना और यह कहना कि घर में शादी है, पैसा नहीं है… को कौन भूल सकता है?
उन सैकड़ों गरीबों और मध्यम वर्ग के लोगों को कौन भूल सकता है जिनकी अपने नोट बदलने के लिए लंबी लाइनों में इंतजार करते-करते मौत हो गयी, जबकि अमीर लोग आसानी से अपने बैंक नोट बदलवाने में कामयाब रहे?
नोटबंदी के साथ-साथ जल्दबाजी में लागू की गयी जीएसटी
रमेश ने आरोप लगाया कि नोटबंदी के साथ-साथ जल्दबाजी में लागू की गयीजीएसटी ने भारत के रोजगार पैदा करने वाले छोटे और मध्यम व्यवसायों को खत्म कर दिया, जिससे 45 साल की बेरोजगारी चरम पर पहुंच गयी और 2013 में अर्थव्यवस्था के पटरी पर आना समाप्त हो गया. जयराम रमेश के अनुसार नोटबंदी के कारण 2011 के बाद से बनी जीडीपी वृद्धि की गति पूरी तरह उलट गयी. भारत की सकल घरेलू उत्पाद की वृद्धि दर 2011 में 5.2 प्रतिशत से बढ़कर 2016 में 8.3 प्रतिशत हो गयी.
मोदी सरकार किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में विफल रही
फिर,विमुद्रीकरण नामक आपदा आयी और विकास धीमा होना शुरू हो गया, जो कि कोविड-19 महामारी से ठीक पहले चार प्रतिशत तक पहुंच गया. कांग्रेस महासचिव ने आरोप लगाया, विमुद्रीकरण एक बड़ी गलती थी जो मोदी सरकार द्वारा प्रस्तावित किसी भी लक्ष्य को हासिल करने में विफल रही – चाहे वह काले धन के प्रसार को कम करना हो, जालसाजी को समाप्त करना हो या भारत को नकदी रहित बनाना हो. रमेश ने दावा किया कि भारत इस भीषण त्रासदी के लिए प्रधानमंत्री को माफ नहीं करेगा.
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि नोटबंदी के बाद मोदी जी ने 50 दिन मांगे थे, आज 7 साल हो गये. वो चौराहा तो नहीं मिला, देश को दोराहे पर जरूर खड़ा कर दिया. एक तरफ अमीर, अरबपति अमीर हो गया है, तो दूसरी ओर, गरीब और भी गरीब होता जा रहा है.