Ranchi : राउरकेला-जयनगर ट्रेन को रांची से चलाने की मांग को लेकर रविवार को किया गया प्रदर्शन. रांची स्टेशन पर मैथिली-मिथिला के संगठनों ने प्रदर्शन किया. यह प्रदर्शन दिन के तीन से पांच बजे तक चला. विद्यापति स्मारक समिति के साथ इस धरना-प्रदर्शन में झारखंड मिथिला मंच और विश्वंभर फाउंडेशन के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया. प्रदर्शन में आंदोलनकारियों ने इस ट्रेन को रांची से ही चलाने की मांग की.
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राउरकेला-जयनगर ट्रेन को पुराने रूट पर ही चलाएं
आंदोलनकारियों ने तत्काल इस ट्रेन को पुराने रूट पर चलाने की मांग की है. इसमें शामिल विभिन्न संगठनों ने मांगें पूरी नहीं होने पर आंदोलन तेज करने की चेतावनी दी. आंदोलन की समाप्ति पर संगठनों के प्रतिनिधियों ने स्टेशन मैनेजर ध्रुव कुमार को मांगों से संबंधित एक मांगपत्र सौंपा. समिति के अध्यक्ष लेखानंद झा ने कहा कि कोरोना और लॉकडाउन की आड़ में रांची-जयनगर के रूट में किसी प्रकार की छेड़छाड़ बर्दाश्त नहीं की जाएगी.
कहा गया कि इस ट्रेन के परिचालन को लेकर समिति को बार-बार आंदोलन करना पड़ा है. हटिया से जयनगर जाने के क्रम में यह समस्तीपुर, दरभंगा और मधुबनी की घनी आबादी से गुजरती है. रांची से समस्तीपुर तक यह ट्रेन मौर्य एक्सप्रेस के विकल्प के रूप में चलती है. इससे ट्रेन में रांची से ही भीड़ रहती है.
कई पदाधिकारी रहे मौजूद
धरना-प्रदर्शन में झारखंड मिथिला मंच के महासचिव विनोदानंद झा, अमरनाथ झा, प्रदीप चौधरी और विश्वंभर फाउंडेशन से किशोर झा, समिति से ज्ञानदेव झा, बीके झा, जयंत झा, उदित नारायण ठाकुर ने भी संबोधित किया. सभी प्रतिनिधियों ने ट्रेन को राउरकेला से चलाने के खिलाफ किसी भी प्रयास का विरोध किया. उन्होंने चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें नहीं मानी गई तो समिति के नेतृत्व में क्रमिक आंदोलन को तेज किया जाएगा. धरना देने वालों में दिलीप झा, अमरेन्द्र मोहन, रविकांत, निर्भयकांत झा, रामसिह यादव, तिरुपति यादव, राकेश यादव आदि कई लोग उपस्थित थे.
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