Deoghar : देवघर सदर अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर देखने को मिली है. जहां इलाज के आभाव में एक युवक की मौत हो गयी है. जबकि 5 घायल को अस्पताल से दूसरे अस्पताल ले जाना पड़ा. परिजनों ने बताया कि बीते देर रात एम्स के समीप ट्रक और कार में सीधी टक्कर हो गयी. जिसमें 6 लोग घायल हो गये. परिजनों ने सभी घायलों को रात 3 बजे सदर अस्पताल लेकर आये.
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इलाज के आभाव में कृषक मित्र की मौत
लेकिन रात में इमरजेंसी वार्ड में कोई डॉक्टर नहीं थे. जिस कारण एक घायल की मौत हो गयी. परिजनों ने बताया कि कृषक मित्र दिलीप पांडे की इलाज के आभाव में तड़प- तड़प कर मौत हो गयी. जबकि 5 अन्य घायलों की स्थिती को देखते हुए परिजनों ने सभी को दूसरे अस्पताल में भर्ती कराया.
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रात में अस्पताल में डॉक्टर और वार्ड बॉय नहीं रहते
परिजनों ने बताया कि रात के समय सदर अस्पताल में ना तो एक भी डॉक्टर और ना ही वार्ड बॉय रहता है. जिस कारण अन्य घायलों को तड़पता देख परिजन खुद स्ट्रेचर पर लिटाकर निजी अस्पताल ले गये. जहां उनका इलाज किया जा रहा. उन घायलों में 2 बच्चे भी शामिल है. परिजनों ने कहा कि अगर रात में सदर अस्पताल में एक भी डॉक्टर रहते तो कृषक मित्र दिलीप पांडे की जान चली गयी.
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रात में भगवान भरोसे रहते है मरीज
अब सवाल ये उठता है कि रात के समय क्या किसी डॉक्टर की ड्यूटी सदर अस्पताल में नहीं थी. और अगर थी तो फिर डॉक्टर अपनी ड्यूटी पर क्यों नहीं थी. और अगर रात में डॉक्टर नहीं रहते तो मरीज की देखरेख कौन करता है. अस्पताल में भर्ती किसी मरीज की रात में तबियत खराब हो जाये तो क्या वो सुबह डॉक्टर के आने का इंतजार करते है. और रात भर बीमारी के कारण परेशान रहते है. इस घटना को देख कर तो लगता है कि रात में सदर अस्पताल के मरीज भगवान भरोसे ही रहते है.
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