Ranchi: सरकारी नौकरी में सात साल तक लापता रहने वाले कर्मियों के आश्रितों को भी नौकरी मिलेगी. सरकार अनुकंपा पर नौकरी देने की नियमावली में परिवर्तन करने की तैयारी कर रही है. सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर कार्मिक विभाग इस संबंध में प्रस्ताव तैयार किया है, जिसे जल्द ही कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा.
तृतीय व चतुर्थ श्रेणी में नौकरी का प्रावधान
राज्य में सरकारी अधिकारियों व कर्मियों की सेवा काल में मौत होने पर उनके आश्रृतों को नौकरी देने का प्रावधान है. आश्रितों को समूह ग व समूह घ की नौकरी मिलती है. उनका ग्रैड में 1800 रुपये होता है. नियमावली के तहत आश्रितों में पति-पत्नी, पुत्र, पुत्री, अविवाहित होने पर माता-पिता, अविवाहित भाई-बहन आदि को भी माना गया है. नियमावली के तहत सरकारी अधिकारियों व कर्मियों के लापाता रहने पर आश्रितों को अनुकंपा पर नौकरी देने का प्रावधान नहीं है.
सूत्रों के मुताबिक राज्य में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें कर्मी लंबे समय से लापता है और आश्रित को मुसीबत का सामना करना पड़ रहा है. इसे देखते हुए सरकार अनुकंपा पर नौकरी देने के नियम में संशोधन करने की तैयारी कर रही है.
इसे भी पढ़ें- रांचीः गृह मंत्रालय के द्वारा पुरस्कृत हुए झारखंड के पुलिसकर्मियों को DGP ने किया सम्मानित
आवेदन के लिए नौ साल का मिलेगा समय
वर्तमान में सरकारी सेवक की मौत के पांच साल के अंदर अनुकंपा पर नौकरी के लिए दावा करने का समय सीमा है. किसी कर्मी की मौत होने पर उनके आश्रित पांच के अंदर निर्धारित आवेदन व संबंधित कागजात के साथ अनुकंपा पर नौकरी के लिए आवेदन दे सकते हैं. लापता कर्मियों के मामले में यह मौका नौ साल के लिए मिलेगा. लापता कर्मी के सात साल तक वापस नहीं आने की स्थिति में आश्रित को कोर्ट से मृत होने का प्रमाण पत्र लेना होगा. सिविल डेथ सर्टिफिकेट लाने पर उन्हें अनुकंपा पर नौकरी का दावा करने के लिए दो साल का समय मिलेगा.
कर्मी अगर लौटा तो आश्रित की जाएगी नौकरी
सूत्रों के मुताबिक अगर लापता कर्मी के आश्रित को नौकरी मिल जाती है और इसके बाद कर्मी लौट आता है तो आश्रित की नौकरी वापस ले ली जाएगी. साथ ही कर्मी के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी. सूत्रों के मुताबिक अनुकंपा नियमावली में संशोधन के प्रस्ताव को कार्मिक विभाग ने तैयार कर लिया है. इस पर विधि और वित्त विभाग से मंजूरी के बाद कैबिनेट से मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. कैबिनेट से मंजूरी के बाद नियमावली बदलाव संबंधित अधिसूचना जारी होगी.
इसे भी देखें-