Ranchi: एप्रोच रोड नहीं बनने से रांची स्टेशन का सेकेंड एंट्री टर्मिनल का विकास कार्य रुक गया है. यह सेकेंड टर्मिनल 2018 में तैयार किया गया है. रांची स्टेशन से हर साल बढ़ रही रेल और यात्रियों के कारण सेकेंड एंट्री गेट टर्मिनल की योजना बनाई है.
सामान्य तौर पर रांची स्टेशन से 1 दिन में 50 हजार यात्रियों की आवाजाही होती है. रांची स्टेशन के मौजूदा टर्मिनल में इससे यात्रियों का बोझ बढ़ता जा रहा है. इस बोझ को कम करने के लिए ही सेकेंड एंट्री टर्मिनल को विकसित किया जा रहा है.
सड़क नहीं होने के बावजूद यात्रियों की आवाजाही
रोड नहीं होने पर भी यहां से यात्रियों की आवाजाही शुरू हो चुकी है.कोरोना के कारण यह अभी बंद है. यहां पैसेंजर के लिए टिकट काउंटर भी उपलब्ध है. कई सुविधाओं का अभी निर्माण होना है. इसमें शौचालय, पेयजल, प्रतीक्षालय आदि भी शामिल है.
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नए बजट में रांची स्टेशन के विकास के लिए 43 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है. यह रांची स्टेशन की पुनर्निर्माण योजना में किया जाएगा. लेकिन एप्रोच रोड नहीं बनने के कारण दूसरे प्रवेश द्वार के टर्मिनल में यात्री सुविधाओं का कोई काम नहीं हो सकेगा. ऐसी स्थिति में अधिकांश यात्रियों को रांची स्टेशन के मुख्य टर्मिनल भवन से ही आवाजाही करनी होगी.
राज्य सरकार को बनानी है सड़क
एक समझौते के तहत राज्य सरकार की मांग पर रेलवे में सेकेंड एंट्री टर्मिनल बनाया है. इसके मुताबिक एप्रोच रोड राज्य सरकार को बनानी थी. यह सड़क डोरंडा कडरु से होकर स्टेशन तक बनाई जाएगी तकरीबन 2 किलोमीटर की लंबाई वाली इस सड़क बनाने के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया भी पूरी नहीं हुई है. इस सड़क के बन जाने से यात्रियों को स्टेशन आवाजाही दें ट्रैफिक का सामना नहीं करना पड़ेगा.
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