स्टाफ रूम में बुलाकर किया था दुष्कर्म, धमकाया था कि जानकारी दी तो मार देंगे
Dhanbad: नाबालिग छात्रा से दुराचार के आरोपी शिक्षक रंजन कुमार आर्या को अदालत ने शनिवार को 12 वर्ष कठोर कारावास की सजा सुनाई है. अभियुक्त को अदालत ने कल ही दोषी करार दिया था. पोक्सो की विशेष अदालत में आज सजा के बिंदु पर सुनवाई हुई. आरोपी शिक्षक रंजन कुमार आर्य केंद्रीय विद्यालय संख्या दो सरायढेला में शिक्षक के पद पर कार्यरत थे. पोक्सो के विशेष न्यायाधीश प्रभाकर सिंह की अदालत ने अभियुक्त को 12 वर्ष कठोर कारावास एवं 12 हजार रुपये जुर्माना की सजा दी है.
पीड़िता की मां की शिकायत पर शिक्षक के खिलाफ सरायढेला थाना में 31 जनवरी 2017 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. थाना में दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता की मां द्वारा कहा गया था कि उसकी 9 वर्षीय पुत्री विद्यालय की कक्षा 4 की छात्रा थी. 30 जनवरी 2017 को विद्यालय के शिक्षक रंजन कुमार आर्य ने उसकी नाबालिग पुत्री के साथ विद्यालय परिसर में ही छेड़छाड़ एवं दुष्कर्म किया था. शिक्षक रंजन कुमार आर्य ने उसे स्टाफ रूम में बुलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था और धमकाया था कि यदि किसी को जानकारी दी तो उसका टीसी कटवा देंगे और मार देंगे. पुलिस ने 18 सितंबर 2017 को अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया था. अभियोजन पक्ष द्वारा 6 गवाहों की गवाही कराई गई थी. आरोपी शिक्षक फिलहाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद है.
गैंगरेप के मामले में तीन नाबालिग दोषी, सजा 17 को
धनबाद: अपने मोहल्ले की लड़की से गैंगरेप के मामले में चिल्ड्रेन कोर्ट ने शनिवार 15 जुलाई को तीन नाबालिग को दोषी करार दिया. दोषी नाबालिगों की सजा पर 17 जुलाई को सुनवाई की जाएगी. तीनों नाबालिग आरोपी चिरकुंडा थाना क्षेत्र के कुमारधुबी का रहने वाला बताया जाता है. आरोपियों के खिलाफ पीड़िता द्वारा चिरकुंडा थाना में 18 मार्च 2019 को प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी. आरोप में कहा गया था कि 13 मार्च 2019 की रात 10:00 बजे वह शादी समारोह से घर लौट रही थी, तभी उसके मोहल्ले के चार लड़के उसे पकड़ कर जबरन खींचते हुए हनुमान मंदिर के सामने टूटे घर में ले गया तथा मुंह दबाकर चारों बारी-बारी से उसके साथ दुराचार किया.
कुंभनाथ सिंह व देव प्रभा पर चलेगा फर्जीवाड़ा का मुकदमा
धनबाद : देव प्रभा प्राइवेट लिमिटेड एवं कुंभनाथ सिंह पर फर्जीवाड़ा तथा धोखाधड़ी का मुकदमा चलाने का अदालत ने आदेश दिया है. सीबीआई के विशेष न्यायाधीश रजनीकांत पाठक की अदालत ने देव प्रभा प्राइवेट लिमिटेड एवं कुंभनाथ सिंह पर षड्यंत्र रच कर धोखाधड़ी करने के मामले को सीबीआई के विशेष न्यायिक दंडाधिकारी अभिषेक श्रीवास्तव की अदालत में ट्रायल के लिए भेज दिया है, जबकि इसी मामले के पांच नामजद बीसीसीएल अधिकारियों के खिलाफ दर्ज मुकदमे को बंद कर दिया है.
धनबाद सीबीआई की एंटी करप्शन विंग द्वारा वर्ष 2019 में बीसीसीएल लोदना एरिया के जीएम प्रकाश चंद्र, एजीएम ब्रह्मानंद सिंह, प्रोजेक्ट ऑफिसर कल्याण जी प्रसाद के अलावा निर्मल मंडल, अरुण कुमार पांडे तथा अनूप कुमार महथा, देव प्रभा प्राइवेट लिमिटेड तथा कुंभनाथ सिंह को नामजद आरोपी बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज की गई थी. सीबीआई द्वारा आरोप लगाया गया था कि आरोपियों द्वारा षड्यंत्र रच कर वर्ष 2019 में लोदना एरिया में अवर रिपोर्टिंग कर बीसीसीएल को चूना लगाया था.