- कोलकिंग सुरेश सिंह हत्याकांड के मुख्यारोपी शशि सिंह की फरारी को 12 साल
- – डॉन ब्रजेश सिंह को रिमांड पर नहीं ले पाई पुलिस
- – धनबाद के मोस्ट वांटेड इनामी की सूची में शशि सिंह
- फोटो फोल्डर में है- फाइल फोटो, प्रिंस खान का फोटो
Dhanbad: कोयला किंग सुरेश सिंह हत्याकांड के मुख्य आरोपी शशि सिंह की फरारी के 12 साल होनेवाले हैं. इसी दिसंबर माह की सात तारीख को शशि सिंह की फरारी को 12 साल पूरे हो जाएंगे. शशि सिंह धनबाद के मोस्ट वांटेड इनामी की सूची में शामिल है. हालांकि, धनबाद में फरार शातिरों की सूची में प्रिंस खान ने सबसे लंबी उड़ान के साथ पहले पायदान पर कब्जा किया है. शशि के लिए पचास हजार का इनाम है जबकि, प्रिंस खान पर 30 लाख का इनाम है. इन दोनों के अलावा गोपी खान, नक्सली अजय महतो और दुर्योधन महतो भी लाखों के इनामी हैं जबिक मोस्टवांटेड फरारी में राजेश उर्फ छोटू पांडेय, संजय वर्णवाल, दौलत साव, आशीष रंजन उर्फ छोटू प्रमुख हैं. ऐसे बड़े अपराधियों को दबोचने में धनबाद पुलिस अक्सर गच्चा खा जाती है.
सुरेश सिंह हत्याकांड से फरार है शशि
07 दिसंबर 2011 को एक शादी समारोह में सुरेश सिंह को गोलियों से छलनी कर दिया गया था. इस मामले में शशि सिंह को मुख्यारोपी बनाया गया. तभी से शशि सिंह फरार है. शशि की गिरफ्तारी के लिए कई बार टीमें बनीं, धनबाद से लेकर बलिया तक पुलिस ने छाक खानने की बात कही हालांकि फरारी में ही उसकी शादी हुई. शशि सिंह की पत्नी आसनी सिंह ने इस दौरान बलिया के दोआबा विधानसभा से चुनाव भी लड़ा, इस चुनाव कैंपिंग में शशि सिंह के मौजूद होने की बात कोयलांचल में आम रही. बावजूद इसके आज भी शशि धनबाद पुलिस की फरारी सूची की शोभा बने हुए हैं. अब बात गैंगस्टर प्रिंस खान की करते हैं, शशि सिंह जो संभवता: देश के अंदर ही हो सकता है, इसका बाद भी पुलिस की निगाह से गायब है, ऐसे में दुबई में शरण ले चुके गैंगस्टर प्रिंस खान की गिरफ्तारी का इंतजार कितना लंबा हो सकता है ये तो भविष्य के गर्भ में है.
डॉन ब्रजेश को रिमांड पर नहीं ले पाई धनबाद पुलिस
डॉन ब्रजेश सिंह के भतीजे सह कोल कारोबारी प्रमोद सिंह की हत्या के बाद से झरिया सिंह मेंशन के युवराज माने जाने वाले राजीव रंजन सिंह लापता हो गए. कई सालों बाद दिल्ली एटीएस ने डॉन ब्रजेश सिंह को दबोचा था. उस वक्त पुलिस पूछताछ में पहली बार ये बात सामने आई थी कि राजीव रंजन सिंह की हत्या हो चुकी है. इधर धनबाद में उसके लापता के बाद तत्कालीन विधायक कुंती देवी केबयान उसके अपहरण होने का मुकदमा दर्ज था. जब राजीव रंजन की हत्या की बात सामने आई तो धनबाद पुलिस ने डॉन ब्रजेश सिंह को रिमांड पर लेकर राजीव रंजन कांड में खुलासा करने का दावा किया था, लेकिन ऐसा कभी नहीं हो पाया. अंत में कोर्ट ने तय मियाद पूरा होने के बाद राजीव रंजन को मृत घोषित कर दिया.
बाहूबली अनंत सिंह से पूछताछ भी नहीं
साल 2010 में बीसीसीएल में बिजली के छोटे-मोटे एक ठेकेदार को गोली मार दी गई थी. उक्त ठेकेदार असल में यहां नाम बदलकर धनसार थाना क्षेत्र में रह रहा था. वारदात के बाद उसके परिजनों से ये जानकारी मिली कि मोकामा में तत्कालीन विधायक अनंत सिंह से पारिवारिक दुश्मनी थी. इस कारण वह मोकामा से भागकर यहां रहता था. लेकिन अंत में उसे खोजकर मौत के घाट उतार दिया गया. इस मामले में विधायक अनंत सिंह को नामजद आरोपी बनाया गया था. दशक बीत गए लेकिन अनंत सिंह समेत कांड के अन्य आरोपियों को पुलिस नहीं पकड़ पाई.