Dhanbad : आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज बंद करने के विरोध में डायलिसिस कराने के लिए परेशान मरीजों ने 18 अप्रैल सोमवार को बैंकमोड़ स्थित धनबाद नर्सिंग होम के सामने विरोध प्रदर्शन किया. इस प्रदर्शन में एक दर्जन से अधिक मरीज शामिल हुए.
निजी अस्पतालों ने अच्छा नहीं किया : रीना कुमारी
प्रदर्शन में शामिल मरीज रीना कुमारी ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत झारखंड से की गई थी. सरकार की इस महत्वाकांक्षी योजना को धनबाद के प्राइवेट अस्पतालों ने बंद कर दिया. प्राइवेट अस्पतालों के इस आमानवीय कृत्य से डायलिसिस करानेवाले मरीज मौत के कगार पर पहुंच गए हैं. मरीजों को सप्ताह में 2 से 3 डायलिसिस कराना पड़ता है. निजी अस्पताल एक बार डायलिसिस करने के 15 से 25 सौ रुपये लेते हैं. गरीब मरीजों के लिए इतना पैसा देना संभव नहीं है. धनबाद में लगभग 450 मरीजों को डायलिसिस की जरूरत पड़ती है. इनमें लगभग 400 मरीजों का डायलिसिस प्रधानमंत्री आयुष्मान योजना के तहत होता था. प्राइवेट अस्पतालों द्वारा डायलिसिस बंद करने के कारण इन मरीजों में कई लोगों की स्थिति काफी खराब हो चुकी है.
मुख्यमंत्री से लगाएंगे गुहार : महेंद्र साहू
डायलिसिस के मरीज महेंद्र साहू ने कहा कि यदि प्राइवेट अस्पताल जल्द आयुष्मान भारत योजना के तहत डायलिसिस शुरू नहीं करते तो वे लोग मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और डीसी धनबाद से मिलकर गुहार लगाएंगे. विरोध प्रदर्शन करने वालों में रीना कुमारी, सरिता कुमारी, महेंद्र साहू, मंजू देवी, मुकेश कुमार, हीरालाल महतो, मीरा कुमारी, कपिल राणा, चंद्रभूषण, मोहम्मद नईम अंसारी, नौशाद , कृष्ण मोहन सिंह, पलटू पॉल,चांदनी कुमारी आदि शामिल थे.
इलाज करना संभव नहीं : डॉ निखिल ड्रोलिया
दरअसल धनबाद के 25 निजी अस्पतालों ने आयुष्मान भारत योजना से इलाज बंद करने का निर्णय लिया है. यह निर्णय भुगतान नहीं होने के कारण लिया गया है. डॉक्टर निखिल ड्रोलिया ने कहा कि सभी अस्पतालों का बड़ा बकाया हो चुका है. ऐसे में अब इलाज करना संभव नहीं है. यही कारण है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत नए मरीजों की भर्ती बंद कर दी गई है. डॉक्टर राकेश इंदर का कहना है कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सभी अस्पतालों का बकाया 10 करोड़ रुपये से ज्यादा है. बकाया की इतनी बड़ी राशि होने के कारण अस्पतालों को अपना खर्च चलाना मुश्किल हो रहा है.
एसएनएमएमसीएच पर बढ़ा लोड
निजी अस्पतालों के निर्णय से एसएनएमएमसीएच पर लोड बढ़ गया है. निजी अस्पतालों से निराश मरीज कैशलेस इलाज के लिए गोल्डन कार्ड लेकर यहां पहुंच रहे हैं. आयुष्मान मित्र कृष्णा रेड्डी के अनुसार सामान्य दिनों में यहां आयुष्मान के तहत इलाज कराने 15 से 20 मरीज प्रतिदिन आते हैं. लेकिन अब 25 से 30 मरीज आ रहे हैं.
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