Nirsa : निरसा (Nirsa) सावन की पहली सोमवारी पर क्षेत्र के शिवालयों में भक्तों की भीड़ उमड़ पड़ी. सुबह से ही सभी भक्त भगवान शिव के जलाभिषेक को लेकर कतारबद्ध खड़े नजर आए. भक्तों ने बेलपत्र के साथ शिविलंग का जलाभिषेक, दुग्धाभिषेक करते हुए भांग, धतूरा आदि भी चढ़ाए. कई भक्तों ने उपवास रख शिवालयों में भगवान शिव की आराधना करते हुए क्षेत्र की सुख, शांति व समृद्धि के साथ परिवार की दीर्घायु की प्रार्थना की. निरसा के पाण्ड्रा स्थित बाबा कपिलेश्वर मंदिर में विभिन्न जलाशयों से जल उठा कर भक्तों की टोली बोल बम का नारा लगाती पहुंची और भगवान शिव पर जल चढ़ा कर पूजा-अर्चना की. निरसा प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित शिवालय में भी भगवान शिव की पूजा अर्चना के लिए भीड़ लगी रही.
अज्ञातवास में पांडवों ने कराया था मंदिर का निर्माण
बताया जाता है कि महाभारत में पांडव जुआ में सब कुछ हार कर अज्ञातवास पर निकले थे. पांडवों के साथ माता कुंती भी थी. पांडव प्रतिदिन सुबह भगवान शिव की आराधना करते थे. पांडव माता कुंती के साथ पांड्रा गांव पहुंचे थे. पांड्रा घने जंगलों से घिरा था. जंगल में विश्राम के बाद पांडवों ने रात्रि में ही मंदिर निर्माण का निर्णय लिया. सावन माह की पहली सोमवारी पर निरसा के दो दर्जन गांवों के लोगों सहित चिरकुंडा, कुमारधुबी, कालूबथान आदि क्षेत्रों से भक्त बाबा शिव की आराधना को पहुंचे.
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