Dhanbad : 15 दिन अज्ञातवास के बाद भगवान जगन्नाथ प्रभु 19 जून को दर्शन दिए. घनसार स्थित जगन्नाथ मंदिर, हीरापुर, माझेरपाड़ा दुर्गा मंदिर, इस्कॉन धैया व कुसुम विहार में सोमवार को भगवान जगन्नाथ, बहन सुभद्रा व भाई बलभद्र को महास्नान कराने के बाद नेत्रदान हुआ. नेत्र उत्सव अनुष्ठान की शुरुआत दोपहर 12 बजे हुई. जगन्नाथ सेवा संघ के संयुक्त सचिव महेश्वर राउत ने बताया कि 15 दिनों के बाद भगवान जगन्नाथ जागृत हुए हैं. इसके साथ ही रथयात्रा महोत्सव का शुभारंभ हो गया. रथयात्रा 20 जून को निकलेगी. भगवान जगन्नाथ समेत तीनों विग्रहों को रथ पर विराजमान कर श्रद्धालु मौसीबाड़ी ले जाएंगे.
15 दिनों के बाद लगा अन्न का भोग
108 घड़ा जल से स्नान के बाद भगवान जगन्नाथ बीमार पड़ गए थे. बहन सुभद्रा और भाई बलभद्र के साथ प्रभु 15 दिन तक एकांतवास में रहने के बाद उन्हें बाहर निकाला गया. इससे पूर्व गुप्त पूजा हुई. स्नान व शृंगार के बाद भगवान जगन्नाथ को सिंहासन पर बैठाया गया. नेत्रदान अनुष्ठान के बाद भगवान ने श्रद्धालुओं को दर्शन दिए. जगन्नाथ मंदिर धनसार के पुजारी देवाशीष पंडा ने बताया कि 15 दिन बाद भगवान को अन्न का भोग लगाया गया. मंगलवार 20 जून को मंदिर परिसर भव्य रथयात्रा निकाली जाएगी. इसकी तैयारी लगभग पूरी हो गई है.
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