Dhanbad : ठंड के मौसम में कोहरा से बचाव और ट्रेनों की रफ्तार पर ब्रेक न लगे, इसके लिए धनबाद रेल मंडल से होकर गुजरनेवाली 270 ट्रेनों में 5400 करोड़ की लागत से जीपीएस आधारित फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाया गया है. फिर भी रोजाना उत्तर भारत में कोहरा के कारण 5 से 15 घंटे कई ट्रेनें लेट से चल रही है. नई दिल्ली से हावड़ा और सियालदह जानेवाली राजधानी एक्सप्रेस 15 घंटे विलंब से चल रही है. सुबह 6:30 बजे धनबाद आनेवाली नई दिल्ली-हावड़ा राजधानी रात 10:06 बजे और नई दिल्ली-सियालदह राजधानी सुबह 06:18 के बदले रात 09:48 बजे धनबाद पहुंची. वहीं पूर्वा एक्सप्रेस 12:00 बजे के बदले शाम 04:30 बजे, नेताजी एक्सप्रेस तड़के 03:17 की बजाय सुबह 09:03 बजे, दून एक्सप्रेस देर रात 01:03 बजे की बजाय सुबह 05:00 बजे, दुर्गियाना एक्सप्रेस सुबह 07:15 की बजाय दिन के 15:10 बजे धनबाद पहुंची. इसके अलावा कई अन्य ट्रेनें भी घंटों विलंब से पहुंच रही है. ट्रेनों के विलंब से चलने के कारण यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है. रेलवे अधिकारी के अनुसार डिवाइस के ऑन होते ही जीपीएस के माध्यम से ट्रेन चालक को रास्ते में गतिरोध की जानकारी भी मिल जाती है. इससे चालक निर्भीक होकर कुहासा में भी ट्रेन चलाते हैं. पहले कुहासा में चालक को आगे कुछ दिखाई नहीं देता है. इससे ट्रेनें घंटों विलंब हो जाती थी. उत्तर भारत क्षेत्र में कुहासा अधिक होने से चालक काफी धीमी गति से चला रहे हैं. डिवाइस 100 फीसदी सही से काम नहीं करने और चालक को कुहासा में सिग्नल व रेलवे पटरी नहीं दिखने के कारण जहां-तहां रोक देते हैं. कुहासा कम होने व हटने के बाद गंतव्य के लिए रवाना होते हैं.
ट्रेन हादसे को रोकने व सुरक्षित परिचालन के लिये लगाया गया डिवाइस
सूत्रों के अनुसार कुहासा में ट्रेन हादसा रोकने और सुरक्षित परिचालन के लिए ट्रेन के इंजन में फॉग सेफ्टी डिवाइस लगाया गया है, लेकिन करोड़ों रुपये खर्च करने के बावजूद परिचालन पर प्रतिकूल असर पड़ रहा है. यात्री कहते हैं कि रेलवे के आला अधिकारी उपकरणों की खरीद पर करोड़ों-अरबों रुपये की बर्बादी कर रहे हैं. यात्रियों को रेलवे की ओर से परेशानी के अलावा कुछ नहीं मिलता है. अधिकारी कहते हैं कि यह डिवाइस जीपीएस टेक्नोलॉजी पर काम करता है. इससे कोहरे में भी ट्रेनों की हाई स्पीड को लगातार बनाए रखा जा सकता है. देश के कई इलाकों में सुबह में घना कोहरा होने से आवागमन में दिक्कत होती है. विजिबिलिटी निचले स्तर पर चले जाने से हवाई यातायात भी ठप पड़ जाती है. ट्रेनों के परिचालन पर कोहरे के कारण पड़ने वाले असर को पहले की तुलना में बहुत कम कर दिया गया है. घने कोहरे के कारण पूर्व में कई बड़ी दुर्घटनाएं हो चुकी हैं, लेकिन अब डिवाइस लग जाने से ट्रेनों के आवागमन में बड़ी मदद मिल रही है.
क्या है फॉग सेफ्टी डिवाइस
जीपीएस आधारित डिवाइस से रेलवे ट्रैक का मैप, सिग्नल, स्टेशन और क्रॉसिंग की पूरी जानकारी जुड़ी होती है. यह सिस्टम लोको पायलट को ट्रेन चलने के दौरान क्रॉसिंग और सिग्नल की जानकारी देता है. ड्राइवर को फॉग सेफ्टी डिवाइस से पता चल जाता है कि ट्रैक पर आगे कोई दिक्कत नहीं है तो वह उसी हिसाब से ट्रेन की गति बढ़ाता है. फॉग सेफ्टी डिवाइस ट्रेन में ड्राइवर के पास लगा होता है जो ट्रैक के बारे में हर एक पल की जानकारी देता है. ट्रैक पर कोई अवरोध है तो डिवाइस के डिसप्ले पर इसकी जानकारी मिलने लगती है. डिसप्ले पर जीपीएस के माध्यम से इनपुट के आधार पर ड्राइवर ट्रेन की गति घटाने, बढ़ाने या ट्रेन को रोकने का फैसला करता है.