Dhanbad : जिले के शहरी क्षेत्र में ‘अमृत योजना’ की राशि की बंदरबांट हो रही है. इस योजना के तहत पिछले वर्ष नगर निगम क्षेत्र के कतरास अंचल में 9 तालाबों के सौंदर्यीकरण का टेंडर निकला था. अपने चहते संवेदकों को वर्क ऑर्डर भी दिया गया, लेकिन तेतुलमारी चंदौरबांध तालाब और रानीबांध लकड़का तालाब में रैयतों के विरोध के कारण काम रोकना पड़ा. बाकी बचे सात तालाबों का आधा अधूरा काम हुआ और भुगतान भी हो गया. इन तालाबों में न तो हरियाली नजर आती है और न ही तालाब में उतरने के लिए चारों ओर सीढ़ियां ही बन पाई हैं. सबसे बड़ी बात यह है कि इतना कुछ होने के बाद भी किसी ने अभी तक विरोध तक नहीं किया है. निगम के अधिकारी अब इन सवालों का ज़बाब देने से बचने की कोशिश कर रहे हैं.
2022 में निकला था टेंडर
शहरी क्षेत्र के छोटे तालाबों को सुंदर बनाने के लिए नगर निगम ने मार्च 2022 में टेंडर निकाला था. पहले चरण में कतरास अंचल के 9 छोटे तालाब शामिल थे. इनमें से 6 ऐसे तालाब थे, जहां हर साल छठ पूजा भी होती है. 13 अप्रैल 2022 को टेंडर खुला था. तालाबों के चारों ओर घाट बनाकर आसपास ग्रीन पैच का निर्माण करना था. फूल-पौधे भी लगाए जाने थे. इसके अलावा तालाब की घेराबंदी, लाईट, शौचालय और लोगों के बैठने की व्यवस्था करनी थी. लेकिन काम आधे से भी कम हुआ. इनमें से ज्यादातर तालाब गंदगी से अटे पड़े हैं.
लाखों खर्च कर इन तालाबों का होना था सौंदर्यीकरण
वार्ड संख्या 1, बादरबांध तालाब 14 लाख, वार्ड 2 छाताबाद छठ तालाब 43 लाख, वार्ड दो गोविंदपुर चार नंबर तालाब 18 लाख, वार्ड दो हदहदिया तालाब 35 लाख, वार्ड 4 तेतुलमारी चंदौरबांध तालाब 38 लाख, वार्ड 4 वेस्ट मोदीडीह तालाब 13 लाख, वार्ड 5 रानीबांध लकड़का तालाब 18 लाख, वार्ड 6 सिजुआ 12 नंबर तालाब 45 लाख एवं वार्ड 11 अलकुशा तालाब में 8 लाख रुपया खर्च कर इनका सौंदर्यीकरण होना था. लेकिन काम अधूरा हुआ, कुछ का तो काम हुआ ही नहीं.
क्या कहते हैं ज़वाबदेह
इस मामले में कार्यपालक अभियंता चमक लाल मंडल का कहना है कि 9 तालाबों का नहीं बल्कि कतरास में पिछले साल 2 या 3 तालाब का टेंडर निकला था और सब काम हो भी गया. उन्होंने विशेष जानकारी सहायक से लेने की बात कही. एक सहायक ने बताया कि 9 तालाबों का टेंडर निकला था, लेकिन रैयतों के विरोध के कारण दो तालाबों का काम रोकना पड़ा. काम अधूरा है, पता है. इसलिए सभी को पूरा पैसा नहीं दिया गया है. उन्होंने अधिक जानकारी के लिए कतरास अंचल के एसडीओ से पूछने को कहा. उन्होंने यह भी कहा कि दो-तीन दिन में फाइल देखकर पूरा मामला बता पाऊंगा.
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