Dhanbad: झारखंड सरकार द्वारा किसान विरोधी नीतियों के खिलाफ सोमवार को धनबाद के सर्किट हाउस में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन किया गया. ये आयोजन भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के झारखण्ड प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू के नेतृत्व में किया गया. संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारतीय जनता पार्टी किसान मोर्चा के झारखंड प्रदेश अध्यक्ष पवन साहू ने कहा कि, किसानों के हित के लिए ये कृषि कानून है. मोर्चा प्रधानमंत्री और कृषि मंत्री के प्रति आभार जताते हैं. मोर्चा केंद्र के नए कृषि कानून के संबंध में लोगों के बीच जाकर प्रचार प्रसार कर रही है. किसान पंचायत, गांव, कस्बों में किसान चौपाल लगाकर और पत्र लिखकर एवं जगह जगह प्रेसवार्ता का आयोजन कर निरन्तर कार्यक्रम कर रही है.
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किसानों के बीच जाएंगे मोर्चा के लोग
नए कृषि कानून के प्रचार प्रसार के लिए मोर्चा के लोग किसानों के बीच पहुंचेंगे. और विरोधी दलों द्वारा किसान बिल को लेकर फैलाए जा रहे अफवाहों की पोल खोलेंगे. और बिल के हित के बाबत किसानों को जागरूक भी करेंगे. उन्होंने कहा कि, केंद्र सरकार किसानों को मंडियों की बेड़ियों से आजाद करना चाहती है, जिससे वे अपनी कीमत पर बेच सकें. उन्होंने यह भी कहा कि, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार किसानों की बेहतरी के लिए काम कर रही है. और देश के अन्नदाताओं की स्थिति सुधारना चाहती है. साथ उन्होंने प्रदेश सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि, इस कृषि कानून का जो विरोध कर रहे हैं और लोगों को बरगला रहे हैं, वो लोग किसान नहीं बल्कि बिचौलिए हैं. उन्होंने राज्य की वर्तमान गठबंधन की सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि, यह सरकार किसानों की अनदेखी कर रही है. और किसानों के साथ दोहरा चरित्र अपना रही है.
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प्रदेश सरकार को आड़े हांथ लिया
एक तरफ राज्य के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और उनके सहयोगी दल कांग्रेस के मंत्री नए कृषि कानून के खिलाफ ट्रेक्टर रैली कर रहे हैं. और दूसरी तरफ राज्य का किसान एमएसपी यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य पर धान बेचने के लिए क्रय केंद्रों पर भटकने को मजबूर है. क्योंकि राज्य के तमाम क्रय केंद्र बंद पड़े हैं. और किसान हताश निराश और परेशान हैं. धान क्रय में 100% की बात करने वाली सरकार महज 8% ही खरीद कर पाई है. केंद्र सरकार ने धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 1,868 रुपये प्रति क्विंटल घोषित किया है. झारखण्ड की सरकार ने इस पर 182 बोनस का प्रावधान किया है. इसी तरह राज्य में 2,050 रुपये प्रति क्विंटल धान की खरीदारी होनी है. लेकिन एमएसपी बढ़ाकर देने की बात सिर्फ बात ही बनकर रह गई. चुनाव के वक्त राहुल गांधी ने कहा था कि, अगर गठबंधन की सरकार बनी तो पहली कैबिनेट में ही किसानों का कर्ज माफ किया जाएगा. लेकिन अब तक क्या हुआ. साथ ही उन्होंने हेमंत सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि किसानों की अनदेखी करना बंद करें अन्यथा भाजपा किसान मोर्चा के कार्यकर्ता सरकार का ईंट से ईंट बजाने का काम करेंगे.
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