Dhanbad :. आरएस मोर कॉलेज गोविंदपुर में हिंदी विभाग की ओर से 14 सितंबर को हिंदी दिवस पर ‘हिंदी भाषा : भारतीय संस्कृति की आत्मा’ विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया. उद्घाटन मुख्य अतिथि बीबीएमकेयू के कुलपति प्रो (डॉ) सुकदेव भोई ने किया. कुलपति ने कहा कि एक भाषा के रूप में हिंदी न सिर्फ भारत की पहचान है बल्कि यह हमारे जीवन मूल्यों, संस्कृति एवं संस्कारों की सच्ची संवाहक भी है. हिंदी भारतीय संस्कृति की आत्मा है. ये देश की विभिन्न भाषाओं को एक सूत्र में पिरोने में सक्षम है. आज जरूरत है कि हम सभी हिंदी के महत्व को समझें और दूसरों को भी इसके लिए जागरूक करें.
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए प्राचार्य डॉ प्रवीण सिंह ने कहा कि किसी भी भाषा का विकास उसके उपयोग के आधार पर होता है हम हिंदी का जितना प्रयोग करेंगे वह उतनी ही समृद्ध होगी. संगोष्ठी को विशिष्ठ वक्ता पीके रॉय मेमोरियल महाविद्यालय के हिंदी विभाग के सहायक प्राध्यापक प्रो डीके चौबे, बीसीसीएल की हिंदी अनुवादक रिंकू दुबे वैष्णवी, प्रो विनोद कुमार एक्का, डॉ कुसुम रानी ने संबोधित किया. काव्य पाठ मो सारिक, मंच संचालन हिंदी विभाग की सहायक प्राध्यापिका तरुण कान्ति खलखो, धन्यवाद ज्ञापन दर्शनशास्त्र के सहायक प्राध्यापक डॉ अजित कुमार बर्णवाल ने किया। अनुपम, कलीम, सुप्रीति, सूचीसरिता एवं अन्य छात्राओं के द्वारा संस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति की गई. संगोष्ठी में प्रो इन चार्ज डॉ राजेन्द्र प्रताप, डॉ रत्ना कुमार, प्रो सुमिरन कुमार रजक, प्रो स्नेहलता तिर्की, डॉ कुसुम रानी, डॉ नीना कुमारी, प्रो कुहेली बनर्जी, प्रो त्रिपुरारी कुमार, प्रो प्रकाश कुमार प्रसाद, डॉ अमित प्रसाद, प्रो सत्यनारायण गोराई, डॉ अवनीश मौर्या, प्रो पूजा कुमारी, प्रो स्नेहलता होरो, प्रो राकेश ठाकुर, प्रो इकबाल अंसारी, शंकर रविदास, मनोज तिर्की, मो गौस, अश्वी सहित सैकड़ों की संख्या में विद्यार्थी उपस्थित थे.
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