Dhanbad : धनबाद के अवर न्यायाधीश सह डालसा सचिव राकेश रोशन ने कहा कि किन्नर समुदाय को विभिन्न प्रकार के सामाजिक भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है. संविधान के अनुच्छेद 14 में वर्णित समानता का अधिकार किन्नरों को यह अधिकार प्रदान करता है कि लिंग के आधार पर भिन्नता नहीं की जा सकती. डालसा सचिव शुक्रवार को जामाडोबा में किन्नरों को संबोधित कर रहे थे. झालसा के निर्देश पर वह लीगल एड डिफेंस काउंसिल सिस्टम के डिप्टी चीफ अजय कुमार भट्ट व सहायक शैलेंद्र झा के साथ किन्नरों से मिलने पहुंचे थे. श्वेता किन्नर ने कहा कि सार्वजनिक स्थलों पर विश्रामालय एवं शौचालयों का अभाव सबसे बड़ी समस्या है, जो उनके उपहास का कारण भी बन जाता है. शैक्षिक रूप से इन्हें विद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों में समान अवसर प्राप्त नहीं है. विद्यालयों में महिला-पुरुष शौचालयों की तरह न ताे किन्नर शौचालय है और न ही विश्रामालय. चिकित्सकीय सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैं.न्यायाधीश ने जल्द ही धनबाद में रह रहे किन्नरों को आईडी कार्ड (टीजे कार्ड) व स्माइल योजना के तहत मिलने वाले लाभ दिलवाने का भरोसा दिलाया. इस मौके पर छम छम किन्नर ,निर्मला किन्नर,श्वेता किन्नर,राखी किन्नर,अरुणा किन्नर,रेखा किन्नर,समेत कुल 68 किन्नर पी एल वी ,राजेश सिंह ,डिपेंडी गुप्ता ,मधुकर प्रसाद, मह्रेशवर प्रसाद,मिथलेश कुमार विश्वकर्मा समेत दर्जनों लोग मौजूद थे.