हाल मधुबन पंचायत के पश्चिम दहिया गांव का
Topchanchi : आजादी के 75 वर्ष बाद भी झारखंड में ऐसे कई गांव हैं, जहां लोगों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं. वहां न सड़कें हैं, न पानी और न ही बिजली. यदि कोई बीमार हुआ, तो लोग उसे कंधे पर टांग कर कई किलोमीटर दूर अस्पताल ले जाते हैं. धनबाद व गिरिडीह जिले की सीमा पर स्थित मधुबन पंचायत का पश्चिम दहिया गांव भी ऐसे ही गांवों में शुमार है. गांव में बीते 15 जुलाई को गर्भवती आदिवासी महिला बुधनी देवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई. बरसात में रास्ता नहीं होने के कारण ग्रामीण उसे खटिया पर टांगकर अस्पताल ले गए. यह तस्वीर झारखंड के विकास की पोल खोल रही है.
पश्चिम दहिया गांव गिरिडीह जिले की मधुबन पंचायत में आता है. यह गांव धनबाद जिले के तोपचांची प्रखंड की पावापुर पंचायत से सटा है. आदिवासी बहुल इस गांव में सड़क व पक्का कोई रास्ता नहीं है. ग्रामीण पगडंडियों से होकर आना-जाना करते हैं. ग्रामीणों ने बताया कि गांव में जब कोई बीमार होता है तो पुरुष उसे खटिया पर टांग कर करीब 2 किलोमीटर दूर सड़क पर ले जाते हैं, जहां एंबुलेंस इंतजार करती है. फिर, एंबुलेंस से उसे अस्पताल ले जाते हैं. अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों व सरकार को इस स्थिति पर ध्यान देने की जरूरत है.
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