Sindri : सिंदरी (Sindri) बलियापुर प्रखंड अंतर्गत दूधिया पंचायत के बेड़ा नियामतपुर गांव की पूनम कुमारी को पर्याप्त सुविधाओं के अभाव में मुर्गी फार्म बंद करना पड़ा. एक समय था जब पूनम ने 6 हजार रुपये कर्ज लेकर घर के पीछे की जमीन पर बांस बल्ली के सहारे फार्म तैयार कर सोनाली व कड़कनाथ मुर्गा पालन शुरू किया. अपनी मेहनत की बदौलत 2 लाख रुपये तक का कारोबार किया. परंतु अब बांस बल्ली से बनाया गया फार्म जर्जर हो चुका है. मजबूत शेड के अभाव में मुर्गी फार्मिंग बंद करनी पड़ी.
शेड मिल जाता तो फार्मिंग बंद नहीं होती : पूनम
पूनम ने बताया कि आंशिक लॉकडाउन के समय घर की माली हालत ठीक नहीं थी. तभी यूट्यूब पर मुर्गी फार्मिंग देखकर प्रेरणा मिली. पति उत्तम कुमार से बातचीत कर 6 हजार रुपये कर्ज लेकर फार्मिंग शुरू की थी. परंतु शेड नहीं होने के कारण फिलहाल उसे बंद करना पड़ा है. संबंधित पदाधिकारियों से शेड के लिए गुहार लगाई. आश्वासन भी मिला कि लोन उपलब्ध कराया जाएगा. परंतु कोई सहयोग नहीं मिला. पूनम ने कहा कि फार्मिंग उनकी रोजी-रोटी का जरिया बन चुकी थी. परंतु दुर्भाग्य कि जहां से शुरुआत की थी, अब भी उसी जगह पर खड़े हैं. शेड मिल जाता तो फार्मिंग बंद नहीं करनी पड़ती.
यूट्यूब ने प्रेरित किया तो खुद भी बनी प्रेरणा स्रोत
पुरुष प्रधान समाज में महिला सशक्तीकरण और आत्मनिर्भरता की दिशा में पूनम का प्रयास महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत है. घरेलू कामकाज के बावजूद यूट्यूब से प्रेरित होकर उसने जो कुछ भी किया, उसका ऐसा परिणाम समाज और सरकार दोनों के लिए नजरें झुकानेवाला है. काश ! सरकारी तंत्र उसकी मदद से नजरें नहीं चुराता तो ऐसी नौबत भी नहीं आती. महिलाओं को आत्मनिर्भर और स्वावलंबी बनाने की योजनाओं का लाभ पूनम जैसी महिलाओं को नहीं मिल पाना सरकारी दावों के पोल खोलने के लिए काफी है.
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