Nirsa : निरसा (Nirsa ) Nirsa : निरसा के पूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने रविवार 1 मई को कंचनडीह स्थित रिद्धि सिद्दी आयरन प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के समीप निलकुठी मोड़ मैदान में झारखंड रिफ्रैक्टरीज श्रमिक यूनियन के बैनर तले अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस मनाया. पूर्व विधायक के नेतृत्व में सभी लोग जुलूस की शक्ल में पैदल मार्च कर सभा स्थल पहुंचे. मजदूरों ने माला पहनाकर पूर्व विधायक का स्वागत किया. सभी ने श्रमिक यूनियन का झंडोत्तोलन कर शहीद मजदूरों को श्रद्धांजलि दी.
पूर्व विधायक चटर्जी ने कहा कि जिन मजदूरों ने शोषण के खिलाफ जंग में कुर्बानी दी, उनको नमन करते हैं. कहा वर्तमान सरकार ने बहुत सारे श्रम कानूनों को खत्म कर नया कानून लागू करने का जो मन बनाया है, उसका पुर जोर विरोध करते हैं. वैसे कानूनों को किसी भी स्थिति में लागू नहीं होने दिया जाएगा. सभी सोचते है कि लाल झंडा वाले इंडस्ट्री लगाने का विरोध करते हैं तो उनकी सोच बिल्कुल गलत है. लाल झंडा वाले इंडस्ट्री लगाने में सबसे आगे रहते हैं. इतना अवश्य है कि किसी मजदूर का शोषण बर्दाश्त नहीं करते.
ECL मुगमा में DGMS के डिप्टी निदेशक ने पढ़ाया सुरक्षा का पाठ
ईसीएल मुगमा एरिया में अंतरराष्ट्रीय मजदूर दिवस पर सभा में डीजीएमएस डिप्टी डायरेक्टर माइनिंग एवं सुरक्षा के रमेश बालेकर एवं मुगमा एरिया के महाप्रबंधक बिभाष चंद्र सिंह मौजूद थे. शुरुआत में मुगमा एरिया स्थित खनिक स्तंभ पर पुष्प अर्पित किया गया. उसके बाद ईसीएल सकतोड़िया के अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक अंबिका प्रसाद पांडा का संदेश पढ़कर सुनाया गया. संदेश में सभी को शुभकामनाएं देते हुए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उत्पादन बढ़ाने की बात कही गई. सभागार में डीजीएमएस के डिप्टी निदेशक, जीएम एवं एजीएम को गुलदस्ता भेंट कर स्वागत किया गया. डीजीएमएस के डिप्टी निदेशक एवं महाप्रबंधक ने कहा कि आज का दिन मजदूरों के लिए अहम दिन है. पहले मजदूर की अवस्था काफी खराब थी. लेकिन मजदूर दिवस के चलते उनमें काफी सुधार आया है. मौके पर जेसीसी के मेंबर एवं पदाधिकारी मौजूद थे.
राकोमसं की सभा में शहीद मजदूरों को श्रद्धा सुमन
निरसा के चिरकुंडा थाना अंतर्गत तालडाँगा आवासीय कॉलोनी में राष्ट्रीय कोलियरी मज़दूर संघ के अध्यक्ष सुरेश चंद्र झा की अध्यक्षता में संघ के पदाधिकारियों की सभा हुई. सभा में शहीद मज़दूरों को श्रद्धा सुमन अर्पित किया गया और मई दिवस के उन महान नायकों के कुर्बनियो को याद किया गया जिन्होंने आठ घंटे काम , आठ घंटा आमोद प्रमोद और आठ घंटा विश्राम के लिए संघर्ष किया. उन्होंने कहा कि मज़दूर दिवस पूजा अर्चना करने, मौज मस्ती का त्योहार नहीं है. सामंती पूंजीवाद व्यवस्था के विरुद्ध संघर्ष की परम्परा को आगे बढ़ाने का है. आज मज़दूरों को उनका हक़ उसी संघर्ष की बदौलत मिल रहा है. मोदी सरकार ने मज़दूरों का हक़ छीनने का काम किया है. मज़दूर दिवस पर शपथ लेना है कि उनके मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.
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