17 एकड़ में फैला है तालाब, टापू पर बना था विश्राम गृह व खूबसूरत पार्क
Ravi Chourasia
Dhanbad : धनबाद जिले के गोविंदपुर स्थित ऐतिहासिक रेजलीबांध का अस्तित्व खतरे में. अंग्रेजों के समय में 1882 में बना यह जलाशय 17 एकड़ में फैला है. लेकिन जिला परिषद की उदासीनता और रख-रखाव के अभाव में तालाब में चारों ओर जलकुंभी फैलती जा रही है. पास के बंद पड़े केमिकल कारखाने से निकला कचरा-गाद बरसात में बहकर तालाब में जमा हो गया है. वहीं, गोविदपुर बाजार का कचरा भी इसी में गिराया जाता है. इस कारण तालाब का प्रदूषित होकर उपयोग के लायक नहीं रह गया है.
स्थानीय लोगों की लगातार के मांग के बाद जिला प्रशासन ने रेजलीबांध के सौंदर्यीकरण के लिए डीएमएफटी से 5 करोड़ की राशि आवंटित की है. इसके लिए टेंडर भी निकाला गया है, लेकिन ठेकेदार नहीं मिल रहे हैं.
1882 में अंग्रेजी हुकूमत ने कराया था रेजलीबांध का निर्माण
ऐतिहासिक रेजलीबांध तालाब कभी रंग-बिरंगी मछलियों के लिए जाना जाता था. लेकिन आज यह गंदगी व जलकुंभी के कारण उपेक्षा का दंश झेल रहा है. अंग्रेजी हुकूमत में इस तालाब का नर्माण वर्ष 1882 में गोविदपुर के तत्कालीन अनुमंडलाधिकारी रिश्ले साहब ने कराया था. तब इसका नाम रिश्लेबांध रखा गया था. तालाब के टापू पर विश्राम गृह व खूबसूरत पार्क था. टापू तक जाने के लिए बने पुल के अवशेष अब भी मौजूद हैं. यहां अंग्रेज छुट्टियां मनाने आते थे. करमाटांड़, बड़ानवाटांड़, गोविदपुर बाजार व अमरपुर पंचायत के लोग इसके पानी का उपयोग करते थे.
वर्ष 2009 में 30 लाख रुपए से हुआ था सौंदर्यीकरण
वर्ष 2008-09 में रेजलीबांध तालाब के सौंदर्यीकरण पर तत्कालीन बीडीओ मनोज कुमार ने मनरेगा के फंड से 30 लाख रुपये खर्च किए थे. गाद की सफाई कर और टापू में गार्डवाल का निर्माण कर वहां नौकायान शुरू करवाया था. बांध के पश्चिमी छोर की ओर घेराबंदी भी हुई थी. इसके बाद बांध के रख-रखाव पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. यही नहीं आसपास के कुद लोग तालाब की जमीन का अतिक्रमण करने की जुगाड़ में लगे हुए हैं.
रेजलीबांध का गौरव लौटाने के लिए संघर्षरत हैं विनोद प्रसाद
स्थानीय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता विनोद प्रसाद ने बताया कि रेजलीबांध का जीर्णोद्धार कर पुराना गौरव लौटाने की मांग वह लंबे समय से करते आ रहे हैं. जिला परिषद व जिला प्रशासन को कई बार पत्र लिखा, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया. यह तालाब पहले गोविदपुर के लोगों के लिए काफी उपयोगी था. दर्जनों गांवों के लोग यहां रोजाना स्नान करने आते थे. इसके पानी की सप्लाई भी की जाती थी.
टेंडर की प्रक्रिया पूरी होते ही शुरू होगा काम : जिप अध्यक्ष
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इस मुद्दे पर जिला परिषद अध्यक्ष शारदा देवी से बात की गई. उन्होंने कहा कि रेजलीबांध तालाब धनबाद की धरोहर है. इसे नष्ट नहीं होने देंगे. बांध के जीर्णोद्धार के लिए डीएमएफटी से टेंडर निकाला गया है. प्रक्रिया पूरी होते ही सौंदर्यीकरण का काम प्रारंभ कर दिया जाएगा.
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