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Niraj Kumar
Dhanbad : धनबाद (Dhanbad) भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सह झारखंड प्रभारी लक्ष्मीकांत बाजपेयी 23 और 24 जनवरी को देवघर प्रदेश कार्यसमिति की बैठक में गए थे. वर्ष 2024 के लोकसभा व विधानसभा चुनाव के मद्देनजर इस बैठक पर सभी नजर लगी हुई थी. श्री बाजपेयी बैठक में जाने के लिए धनबाद से होकर गुजरे. स्टेशन पर विधायक राज सिन्हा ने उनका स्वागत किया. फिर वह देवघर रवाना हो गए. स्टेशन पर सांसद या उनके गुट का कोई कार्यकर्ता नहीं दिखा. इसके बाद ही जिले के राजनीतिक हलको में 2024 के लोकसभा चुनाव व सीट की दावेदारी को लेकर चर्चा शुरू हो गयी है.
कट सकता है 6 सीटिंग सांसदों का टिकट
जिले के राजनीतिक जानकारों का मानना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ लोकसभा चुनाव को लेकर बेहद गंभीर है. आरएसएस ने एक गुप्त सर्वे भी कराया है, जिसमें राज्य के 6 सीटिंग सांसदों की धरातल रिपोर्ट खराब संतोषजनक नहीं है. धनबाद के वर्तमान सांसद उम्र और स्वास्थ्य की दृष्टि से खरे साबित नहीं हो रहे हैं. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में भी उनकी उम्मीदवारी पर पर सवाल उठे थे. धनबाद स्टेशन पर झारखंड प्रभारी के स्वागत में सांसद या उनका कोई समर्थक कार्यकर्ता नहीं पहुंचा तो लोग कई तरह के कयाव व अर्थ निकालने में लगे हैं.
टिकट कटा तो गरमायेगी धनबाद की राजनीति
धनबाद के वर्तमान हालात राजनीतिक रूप से कई मायने में महत्वपूर्ण हैं. आने वाला समय उथल-पुथल भरा होने वाला है. यदि उम्र की बिना पर वर्तमान सांसद पशुपतिनाथ नाथ सिंह का टिकट कटा तो निश्चित यहां की राजनीति गरमा जाएगी. जानकारों का कहना है कि विधायक राज सिन्हा, पूर्व मेयर चंद्रशेखर अग्रवाल, बाघमारा विधायक ढुल्लू महतो इस रेस में शामिल हैं. साथ ही चतरा सांसद सुनील सिंह, हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा समेत कुछ बाहरी उम्मीदवार भी इस सीट के लिए गोटियां बिठाने में लगे हैं.
राज सिन्हा के प्रमोशन पर बढ़ेगी गरमाहट
जानकार बताते हैं कि विधायक राज सिन्हा को प्रमोट कर यदि सांसद का उम्मीदवार बनाया गया तो धनबाद विधानसभा सीट के लिए राजनीति भी गर्म हो जाएगी. इस सीट के लिए दर्जन भर उम्मीदवार कमर कसे बैठे हैं. जिलाध्यक्ष चंद्रशेखर सिंह, बाबूलाल के खास रमेश राही, खुद को मेयर उम्मीदवार घोषित कर चुके मुकेश पांडेय, नितीन भट्ट समेत अन्य छोटे-बड़े नेताओं की लंबी फेहरिस्त है. अब ऊंट किस करवट बैठेगा, उससे भी मजेदार यह होगा कि बैठने के पहले ऊंट के करतब जिलावासियों व राजनीतिक हलकों में क्या करिश्मा दिखएगा, यह समय के गर्भ में है.
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